नई दिल्लीः एलोपैथिक दवा प्रभाव मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और बालकृष्ण को तलब किया है। इस मामले पर आज यानी मंगलवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया और बाबा रामदेव से सवाल पूछा क्यों न कोर्ट की अवमानना के तहत आप पर कार्रवाई की जाए। कोर्ट ने कहा कि पहली नजर में दोनों ने कानून का उल्लघंन किया है। वहीं इस मामले की अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी।
पिछली सुनवाई में उच्चतम न्यायालय ने पतंजली आयुर्वेद और इसके प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण को नोटिस जारी करते हुए पूछा था कि अपने उत्पादों और उनकी औषधीय प्रभावकारिता के बारे में न्यायालय में दिए गए कंपनी के शपथपत्र उल्लंघन करने को लेकर अवमानना की कार्रवाई क्यों नहीं करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि वह उस विज्ञापन पर पतंजली के खिलाफ उठाए गए कदमों पर अदालत को स्पष्टीकरण दें। जिसमें मधुमेह, बीपी, थायराइड, अस्थमा और गठिया जैसी बीमारियों से स्थाई निजात दिलाने का दावा किया गया था।
इससे पहले 29 नवंबर 2023 को पतंजलि आयुर्वेद के विज्ञापनों पर आपत्ति जताने वाली इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई थी। पतंजलि और रामदेव के बयानों और विज्ञापनों में एलोपैथी और उसकी दवाओं व टीकाकरण के विज्ञापनों के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्र की पीठ ने पतंजलि द्वारा एलोपैथ को लेकर भ्रामक दावे और विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए पतंजलि को फटकारा था।
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