Baba Ramdev: सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को लगाई फटकार, पूछा- किस साइज में दिया माफीनामा?

नई दिल्ली। Baba Ramdev News: पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापन मामले में मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव से उनके अखबारों में दिए गए सार्वजनिक माफीनामे को लेकर सवाल पूछा। कोर्ट ने कहा कि क्या आपका माफीनामा उतना ही बड़ा है, जितना बड़ा आपने भ्रामक विज्ञापन दिया था। रामदेव से […]

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Baba Ramdev: सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को लगाई फटकार, पूछा- किस साइज में दिया माफीनामा?

Arpit Shukla

  • April 23, 2024 1:03 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 months ago

नई दिल्ली। Baba Ramdev News: पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापन मामले में मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव से उनके अखबारों में दिए गए सार्वजनिक माफीनामे को लेकर सवाल पूछा। कोर्ट ने कहा कि क्या आपका माफीनामा उतना ही बड़ा है, जितना बड़ा आपने भ्रामक विज्ञापन दिया था। रामदेव से यह भी सवाल किया कि आखिर सर्वोच्च न्यायालय में मामले पर सुनवाई से ठीक पहले ही सार्वजनिक माफीनामा क्यों जारी किया गया।

अखबारों को दिया माफीनामा

पतंजलि आयुर्वेद की ओर से 67 अखबारों में माफीनामा दिया गया है। इसमें बताया गया कि भ्रामक विज्ञापन देने जैसी गलती भविष्य में दोबारा नहीं होगी। साथ ही सर्वोच्च न्यायालय को आश्वासन दिया गया कि वो अदालत और संविधान की गरिमा को बनाए रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर कायम है। वहीं, शीर्ष कोर्ट में केस की सुनवाई टल गई है। कोर्ट अब बाबा रामदेव तथा बालकृष्ण के मामले की सुनवाई 30 अप्रैल को करेगी। वहीं बाकी के सभी सात बिंदुओं पर 7 मई को सुनवाई की जाएगी।

क्या विज्ञापन के साइज का माफीनामा?

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पतंजलि ने सर्वोच्च न्यायालय में बताया कि सार्वजनिक माफीनामा छपवाने में 10 लाख रुपये का खर्च आया है। न्यायमूर्ति हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने पूछा कि एक हफ्ते बाद सर्वोच्च न्यायालय की सुनवाई से ठीक पहले माफीनामा क्यों जारी किया गया। जस्टिस कोहली ने पूछा कि क्या माफीनामे का साइज उतना ही बड़ा है, जितना भ्रामक विज्ञापन था?

सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि अन्य एफएमसीजी भी भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित कर रहे हैं तथा जनता को धोखा दे रहे हैं। न्यायमूर्ति कोहली ने कहा कि विज्ञापन खासतौर पर शिशुओं, स्कूल जाने वाले बच्चों तथा वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है, जो उत्पादों का उपयोग कर रहे हैं।

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