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बाबा रामदेव ने मस्जिद पर उठाये सवाल, मुसलमानों को ललकारा, तीर्थ सौंपने की हुई बात

मंदिर मस्जिद विवाद को लेकर गुरु स्वामी रामदेव ने बड़ा बयान दिया है. मथुरा में मस्जिद विवाद पर उन्होंने कहा, ''मथुरा श्रीकृष्ण की जन्मस्थली है, वहां मस्जिद का क्या काम.'' मीडिया में दिए गए इंटरव्यू में बाबा रामदेव ने कहा, ''वे हमारे बड़े तीर्थ थे.

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Baba Ramdev raised questions on the mosque, challenged Muslims, talked about handing over the pilgrimage
  • January 9, 2025 7:34 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 hours ago

नई दिल्ली: मंदिर मस्जिद विवाद को लेकर गुरु स्वामी रामदेव ने बड़ा बयान दिया है. मथुरा में मस्जिद विवाद पर उन्होंने कहा, ”मथुरा श्रीकृष्ण की जन्मस्थली है, वहां मस्जिद का क्या काम.” मीडिया में दिए गए इंटरव्यू में बाबा रामदेव ने कहा, ”वे हमारे बड़े तीर्थ थे. जहां आक्रमणकारियों ने बहुत क्रूरता की. ऐसे बड़े तीर्थ हमें सौंप दिए जाने चाहिए. अगर हर जगह विवाद है तो देश का भाईचारा है.

मस्जिद का क्या काम?

स्वामी रामदेव ने कहा, ”इसलिए हर जगह विवाद पैदा नहीं करना चाहिए जो हमारे गौरव के स्थान हैं. जैसे मथुरा, काशी विश्वनाथ. यह भगवान भोले नाथ की नगरी है और ज्ञानवापी किसी मस्जिद का नाम भी नहीं हो सकता. इससे ही पता चलता है कि हमारा नाम शाश्वत है। दूसरे, मथुरा भगवान कृष्ण की जन्मस्थली है। वहां मस्जिद का क्या काम? ऐसे बड़े तीर्थस्थलों पर हमारे मुस्लिम भाइयों को बड़ा दिल दिखाना चाहिए और आगे आना चाहिए।” वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के खिलाफ 1991 से मुकदमे चल रहे हैं। हालांकि, साल 2021 के बाद मामला नए सिरे से आगे बढ़ा है। इस साल 5 महिलाओं ने मंदिर के अंदर भगवान की मूर्तियां होने का दावा किया था और पूजा करने की इजाजत मांगी थी.

हिंदू पक्ष दावा करते रहे

फरवरी 2024 में यहां पूजा करने की इजाजत भी दे दी गई है. इसके बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि यह याचिका पूजा स्थल अधिनियम का उल्लंघन नहीं करती है. वहीं, मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष दावा करते रहे हैं कि इसका निर्माण भगवान कृष्ण के जन्मस्थान पर किया गया है। साल 2020 में छह श्रद्धालुओं ने एक याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने मस्जिद को हटाने की मांग की थी. अब इस मामले में 18 याचिकाएं हैं.

मस्जिद का सर्वे कर सके

अगस्त 2024 में, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि ये याचिकाएँ पूजा स्थल अधिनियम 1991 के खिलाफ भी नहीं जाती हैं। 2023 में हाई कोर्ट ने एक कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया था जो मस्जिद का सर्वे कर सके, लेकिन जनवरी 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने इस पर अंतरिम रोक लगा दी थी, जो अभी भी लागू है. फिलहाल इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है.

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