नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ उपचुनाव में समाजवादी पार्टी का किला ढाहने वाले भोजपुरी के दिग्गज कलाकार और भाजपा के सांसद निरहुआ ने शून्यकाल के दौरान भाषण दिया. इस दौरान उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास का मुद्दा उठाया. दिनेश लाल यादव ने इस दौरान समाजवादी पार्टी पर भी जमकर निशाना साधा. आजमगढ़ सांसद […]
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ उपचुनाव में समाजवादी पार्टी का किला ढाहने वाले भोजपुरी के दिग्गज कलाकार और भाजपा के सांसद निरहुआ ने शून्यकाल के दौरान भाषण दिया. इस दौरान उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास का मुद्दा उठाया. दिनेश लाल यादव ने इस दौरान समाजवादी पार्टी पर भी जमकर निशाना साधा. आजमगढ़ सांसद ने खुद को पिलर पीड़ित बताते हुए अपनी बात शुरू की. वह कहते हैं कि ‘मेरी सीट उस पिलर के बाद है. पिलर पीड़ित होने की वजह से मैं अपनी समस्याओं पर आपका ध्यान आकृष्ट नहीं करा पाता हूं.
निरहुआ उर्फ़ दिनेश लाल यादव कहते हैं, ‘मेरी ही तरह मेरा निर्वाचन क्षेत्र आजमगढ़ भी पिलर पीड़ित रहा है. उन्होंने सपा का नाम लिए बिना कहा कि आजमगढ़ की जनता ने उस पिलर को ढाह दिया है. इस पिलर को ढाह देने से सरकार का ध्यान उसके विकास की तरफ जाएगा. निरहुआ ने पर्यटन की दृष्टि से सरकार से आजमगढ़ के विकास की मांग की है. इस दौरान निरहुआ ने आजमगढ़ की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत की भी चर्चा की.
निरहुआ ने लोकसभा में कहा कि जिस तरह से वाराणसी में बाबा विश्वनाथ और गोरखपुर में गुरु गोरखनाथ हैं, इसी तरह से हमारे संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में भैरवनाथ हैं. आजमगढ़ सांसद ने विश्वनाथ धाम की तर्ज पर भैरवनाथ धाम का विकास कराए जाने की मांग की है. उन्होंने आगे कहा कि आजमगढ़ में कई ऋषियों के आश्रम हैं जो अब नदी की कटान के कारण अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं.
निरहुआ ने संसद में आगे अपने संसदीय क्षेत्र का पर्यटन की दृष्टि से विकास करने की मांग की. गौरतलब है कि सलेमपुर संसदीय सीट से भाजपा के ही सांसद ने अपने संसदीय क्षेत्र के आध्यात्मिक स्थलों के विकास का मुद्दा उठाया था. बलिया में भाजपा संसद ने भृगु आश्रम के विकास की मांग की थी.
इतना ही नहीं हमीरपुर से बीजेपी सांसद कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल भी अलग से बुंदेलखंड राज्य की मांग कर चुके हैं. इसी बीच संसद में बोलते हुए निरहुआ ने आजमगढ़ की जीत को लेकर सपा पर तंज किया. बता दें, साजवादी पार्टी के लिए आजमगढ़ की सीट काफी मायने रखती है. साल 2014 में मुलायम सिंह यादव और 2019 में अखिलेश यादव इसी लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित हुए थे. पिछले साल निरहुआ ने इस सीट पर रिकॉर्ड तोड़ मतों से जीत हासिल की है. इस सीट पर पिछले साल उपचुनाव करवाया गया था. क्योंकि 2022 विधानसभा चुनाव के बाद अखिलेश यादव ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.
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