Ayodhya Verdict Ram Mandir Babri Masjid Land Dispute Case: अयोध्या राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला शनिवार 9 नवंबर को आ रहा है. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से शांति और एकता बनाए रखने की अपील की है. पीएम मोदी ने कहा कि अयोध्या मामले की सुनवाई के दौरान सभी धर्म संगठन के लोगों ने शांति और सौहार्द का परिचय दिया था. उन्हें आशा है कि सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला करेगा उससे किसी की हार जीत नहीं होगी और वह सबको स्वीकार होगा.
नई दिल्ली. अयोध्या राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले पर सुप्रीम कोर्ट शनिवार 9 नवंबर को ऐतिहासिक फैसला सुनाने जा रहा है. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से शांति, एकता और सद्भावना बनाए रखने की अपील की है. पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट का अयोध्या राम मंदिर बाबरी मस्जिद मामले पर जो भी फैसला आएगा, वो किसी की हार या जीत नहीं होगी. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ शनिवार सुबह 10.30 बजे बाद देश का ऐतिहासिक फैसला सुनाने जा रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि अयोध्या पर कल यानी शनिवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ रहा है. पिछले कुछ महीनों से सुप्रीम कोर्ट में निरंतर इस केस की सुनवाई हो रही थी, पूरा देश उत्सुकता से देख रहा था. इस दौरान समाज के सभी वर्गों की तरफ से सद्भावना का वातावरण बनाए रखने के लिए किए गए प्रयास बहुत सराहनीय है.
पीएम मोदी ने कहा कि देश की न्यायपालिका के मान-सम्मान को सर्वोपरि रखते हुए समाज के सभी पक्षों, सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों, सभी पक्षकारों ने बीते दिनों सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक वातावरण बनाने के लिए जो प्रयास किए हैं, वे स्वागत योग्य हैं. कोर्ट के निर्णय के बाद भी हम सबको मिलकर सौहार्द बनाए रखना है.
देश की न्यायपालिका के मान-सम्मान को सर्वोपरि रखते हुए समाज के सभी पक्षों ने, सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों ने, सभी पक्षकारों ने बीते दिनों सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक वातावरण बनाने के लिए जो प्रयास किए, वे स्वागत योग्य हैं। कोर्ट के निर्णय के बाद भी हम सबको मिलकर सौहार्द बनाए रखना है।
— Narendra Modi (@narendramodi) November 8, 2019
प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से अपील की कि अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वो किसी की हार-जीत नहीं होगा. देशवासियों से मेरी अपील है कि हम सब की यह प्राथमिकता रहे कि ये फैसला भारत की शांति, एकता और सद्भावना की महान परंपरा को और बल दें.
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