Ayodhya Ram Mandir Molding of Relief in Supreme Court: अयोध्या राम मंदिर मामले में पक्षकार उमेश चन्द्र पांडेय की ओर से सीनियर एडवोकेट वी शेखर ने मोल्डिंग ऑफ रिलीफ सुप्रीम कोर्ट की बेंच को सौंपा

Ayodhya Ram Mandir Molding of Relief in Supreme Court, Court mein molding of relief krwaya jama: अयोध्या राम मंदिर मामले में पक्षकार उमेश चन्द्र पांडेय की ओर से सीनियर एडवोकेट वी शेखर ने मोल्डिंग ऑफ रिलीफ सुप्रीम कोर्ट की बेंच को सौंपा. जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच को मोल्डिंग ऑफ रिलीफ सौंपा गया है. अयोध्या मामले में एक पक्षकार उमेश चन्द्र पांडेय की ओर से सीनियर एडवोकेट वी शेखर ने 'मोल्डिंग ऑफ रिलीफ' को लेकर एक लिखित नोट चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच को सौंपा है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने हल्के अंदाज़ में कहा- क्या अयोध्या केस अभी भी चल रहा है. हमे तो लगता है कि अब सुनवाई पूरी हो गई है. हालांकि कोर्ट ने लिखित नोट को रिकॉर्ड पर लिया है.

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Ayodhya Ram Mandir Molding of Relief in Supreme Court: अयोध्या राम मंदिर मामले में पक्षकार उमेश चन्द्र पांडेय की ओर से सीनियर एडवोकेट वी शेखर ने मोल्डिंग ऑफ रिलीफ सुप्रीम कोर्ट की बेंच को सौंपा

Aanchal Pandey

  • October 24, 2019 12:05 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. अयोध्या मामले में एक पक्षकार उमेश चन्द्र पांडेय की ओर से सीनियर एडवोकेट वी शेखर ने ‘मोल्डिंग ऑफ रिलीफ’ को लेकर एक लिखित नोट सुप्रीम कोर्ट की बेंच को सौंपा गया है. ये नोट चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच को सौंपा गया. इस पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने हल्के अंदाज़ में कहा- क्या अयोध्या केस अभी भी चल रहा है? उन्होंने कहा कि हमे तो लगता है कि अब सुनवाई पूरी हो गई है. हालांकि कोर्ट ने लिखित नोट को रिकॉर्ड पर लिया है. बता दें कि लिखित नोट में मांग की गई है कि सुन्नी बोर्ड या फिर रामलला विराजमान का ज़मीन पर मालिकाना हक़ का दावा साबित न हो पाने की स्थिति में मालिकाना हक़ सरकार को दे दिया जाना चाहिए. फिर सरकार तय करे कि विवादित ज़मीन का क्या किया जाए.

इससे पहले अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में निर्वाणी अखाड़े ने मोल्डिंग ऑफ रिलीफ़ पर लिखित जवाब सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया था. निर्वाणी अखाड़े ने प्रबंधन का अधिकार मांगा था. निर्वाणी अखाड़े ने कहा कि उन्होंने 1959 में सेवादार के किये सूट दाखिल किया था. निर्वाणी अखाड़े के पुजारी होने का अधिकार को किसी ने चुनोती नही दी है. निर्वाणी अखाड़े ने लिखित नोट में राम जन्मभूमि के प्रबंधन का अधिकार मांगा था.

मुस्लिम पक्षकारों ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पहले हमने सील कवर में मोल्डिंग ऑफ रिलीफ दाखिल किया था. अब हमने पक्षकारों को दे दिया है. सीजीआई रंजन गोगोई ने कहा कि क्या ये वही है जो अखबार में छपा है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने 16 अक्टूबर को अयोध्या केसी की सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इसके साथ ही चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सबी पक्षकारों से तीन दिन के भीतर मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर जवाब मांगा. इसके बाद सभी पक्षकारों ने शनिवार को एक-एक करके अपना जवाब कोर्ट में दाखिल किया. अयोध्या केस का फैसला चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के 17 नवंबर को रिटायरमेंट से पहले आ जाएगा.

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