नई दिल्ली. अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता के लिए 8 मार्च को एक पैनल का गठन किया था. इस पैनल की अगुवाई में मध्यस्थता बैठक बुधवार को की जाएगी. इसके लिए पक्षकारों और एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड सहित 25 लोगों को मीटिंग स्थल पर बुधवार सुबह 10 बजे हाजिर रहने के लिए मध्यस्थता समिति का नोटिस पहुंचा है. फैजाबाद में अवध यूनिवर्सिटी के गेंदालाल दीक्षित वीआईपी गेस्ट हाउस में बुधवार मध्यस्थ समिति की पहली मीटिंग होगी.
सभी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के हवाले से साफ निर्देश दिए गए हैं कि इनकैमरा मध्यस्थता की कार्यवाही पूरी तरह गोपनीय रखी जाए. साथ ही राज्य प्रशासन और स्थानीय प्रशासन को चाकचौबंद सुरक्षा व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं. सभी पक्षकार मीटिंग में बुधवार को पहुंचेगे. यहां तक की रामलला विराजमान और हिन्दू महासभा जिन्होंने मध्यस्थता से इनकार किया था वो भी मीटिंग में जाएंगे.
बता दें कि 8 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को मध्यस्थता से सुलझाने की कोशिश की जाए. इसके लिए तीन सदस्यों का पैनल गठित किया था. इस पैनल के अध्यक्ष पूर्व न्यायधीश एफएमआई कलीफुल्ला होंगे. इनके अलावा पैनल में श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पंचू शामिल हैं. कोर्ट ने मध्यस्थता की रिपोर्टिंग पर भी बैन लगा दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मध्यस्थता की प्रक्रिया फैजाबाद में होगी और मध्यस्थ 8 हफ्ते में मध्यस्थता की प्रक्रिया को पूरा करें. मध्यस्थता की प्रक्रिया कैमरे के सामने होगी और मध्यस्थ कानूनी सलाह भी ले सकते हैं.
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