Ayodhya Ram Mandir Land Dispute Reactions: लोकसभा चुनाव 2019 से पहले नरेंद्र मोदी सरकार ने राम मंदिर मामले में बड़ा एक्शन लेते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर अयोध्या में विवादित जमीन को छोड़कर उसके आसपास की जमीन को लौटाने की मांग की है. केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर काफी तादाद में प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं.
नई दिल्ली. नरेंद्र मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर यूपी के अयोध्या में विवादित जमीन को छोड़कर उसके आसपास की जमीन लगी यथास्थिति को हटाने की मांग की है. मोदी सरकार ने अदालत में अर्जी देकर कहा है कि विवादित जमीन को छोड़कर बची हुई जमीन रामजन्मभूमि न्यास को लौटा दी जाए. दरअसल कुल 67 एकड़ जमीन में से सिर्फ 0.313 एकड़ जमीन पर ही विवाद है. ऐसे में सरकार की मांग है कि बची हुई जमीन रामजन्मभूमि न्यास को वापस की जाए. मोदी सरकार के इस एक्शन को लेकर सोशल मीडिया पर जबरदस्त प्रतिक्रियाएं देखने को मिली है. कई यूजर्स ने इसे पीएम मोदी का मास्टरस्ट्रोक भी बताया है.
मोदी सरकार के इस एक्शन पर एक ट्विटर यूजर कहते हैं ”अभी तो सरकार ने कोर्ट से जमीन मांगी है और कइयों के पैरों तले जमीन खिसक गई है. मिल गई तो क्या होगा?” वहीं एक यूजर ने इस कदम को मास्टरस्ट्रोक बताया है और साथ ही कहा है कि अब कोई भी व्यक्ति या दल इसके खिलाफ जाता है तो वह राम मंदिर के भी खिलाफ होगा. वहीं यूजर कुमाल कुणाल का कहना है कि “अच्छा, अतिउत्साही कह रहे हैं कि मोदी जी ने मंदिर बनाने का रास्ता साफ कर दिया, फिर जब मंदिर वहां बनाना ही नहीं था तो बाबरी मस्जिद क्यों गिराई? बराबर में मंदिर तो पहले भी बन सकता था. मंदिर भी होता, मस्जिद भी, और प्रेम-भाईचारे का ताना बाना भी.
Seems @narendramodi Govt Agrees to Dr @Swamy39 's Formula for Building #RamMandir
Govt Files Writ Petition in SC to seek Release of the Non-Disputed Part of #Ramjanmabhoomi land of 67 acres to start construction of #RamTemple
Jai Shri Ram 🙏@jagdishshetty pic.twitter.com/PBwAiQzhbs
— Dr. Mahesh Joshi 🇮🇳 (@MaheshJoshi_MJ) January 29, 2019
Now this is called as Masterstroke :
Govt of India have filed a petition in #SupremeCourt to raise the stay from the UNDISPUTED land which is almost 67 acres.
Now if someone goes against this then it means that person or party is against #RamMandir .#ModiOnceMore #NaMoAgain pic.twitter.com/SGFLhnfgSC
— ©Avinash Jha™🇮🇳 (@ImAjha97) January 29, 2019
Dhokha 2? Why writ petition, why only undisputed land for #RamMandir construction, why seeking SC permission? Govt can acquire entire property, simply inform SC and ask the Trust to start #Janmbhoomi mandir construction.
— GD Singh (@gdsingh99) January 29, 2019
Unfortunate, Hindus have reason to be felt cheated on Ram Mandir. If not to begin on 29, why not on 30th January. Court does not want solution? #RamMandir
— Sangit Kumar Ragi (@RagiSangit) January 27, 2019
https://twitter.com/gunjakapoor/status/1090151012998963200
Great move by the government by filing a writ petition for acquiring the 60 Acre undisputed land for Construction of the #RamMandir… But I am sure that @KapilSibal would leave no stone unturned to block this.
— Adv. Vibhor Anand (@vibhor_anand) January 29, 2019
अच्छा, अतिउत्साही कह रहे हैं कि मोदी जी ने मंदिर बनाने का रास्ता साफ कर दिया। फिर जब मंदिर वहां बनाना ही नहीं था तो बाबरी मस्जिद क्यों गिराई? बराबर में मंदिर तो पहले भी बन सकता था। मंदिर भी होता, मस्जिद भी, और प्रेम-भाईचारे का ताना बाना भी। #RamMandir #RamMandirPolitics
— कुमार कुणाल (@KumarKunalmedia) January 29, 2019
मोदीजी ने आज पुनः एक साहसिक कदम उठाते हुए मंदिर निर्माण के लिए 67 एकर जमीन देने के लिए कोर्ट में अर्जी सौपी हैं। अब कोर्ट को भी जनभावना का आदर करते हुए मंदिर निर्माण के लिए दी गयी जमीन पर निर्माण कार्य शुरू करने की अनुमति देनी चाहिए। #RamTemple #RamMandirPolitics #AyodhyaCase
— Pritish Dinesh Sathe प्रितीश दिनेश साठे 🇮🇳🚩 (@Pritish_s_) January 29, 2019
यूजर प्रितीश इस बारे में ट्विटर पर लिखते हैं ”मोदीजी ने आज पुनः एक साहसिक कदम उठाते हुए मंदिर निर्माण के लिए 67 एकर जमीन देने के लिए कोर्ट में अर्जी सौपी है. अब कोर्ट को भी जनभावना का आदर करते हुए मंदिर निर्माण के लिए दी गई जमीन पर निर्माण कार्य शुरू करने की अनुमति देनी चाहिए.”