Ayodhya Ram Mandir Hearing Supreme court Judges: अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले की ये 5 जज करेंगे सुनवाई

Ayodhya Ram Mandir Hearing Supreme court Judges: आज सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संविधान पीठ अयोध्या जमीन विवाद पर सुनवाई करेगी. इस पीठ में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई समेत 5 जज शामिल हैं. सभी जजों ने कई बड़े और चर्चित मामलों में फैसले दिए हैं. जानें इस पीठ में शामिल पांचों जजों के बारे में.

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Ayodhya Ram Mandir Hearing Supreme court Judges: अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले की ये 5 जज करेंगे सुनवाई

Aanchal Pandey

  • January 10, 2019 10:44 am Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. आज अयोध्या विवाद में पांच जजों की संविधान पीठ सुनवाई शुरू करेगी. अयोध्या की विवादित राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद मामले में ये सुनवाई की जाएगी. इस संविधान पीठ में सुप्रीम कोर्ट के 5 जज शामिल हैं. पीठ की अध्यक्षता चीफ जस्टिस रंजन गोगोई करेंगे. रंजन गोगोई समेत सभी जजों ने पहले भी कई चर्चित मामलों में फैसले सुनाए हैं. सभी जज पहले भी चर्चा में रह चुके हैं. इस बार भी उनके फैसले पर सभी की नजरें टिकी हैं.

जानें इन सभी जजों के बारे में

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई
रंजन गोगोई सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस हैं. रंजन गोगोई ने 3 जजों के साथ मिलकर एक समय में तत्कालीन सीजेआई दीपक मिश्रा के खिलाफ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. रंजन गोगोई उस बेंच का हिस्सा थे जिन्होंने जाट समुदाय को पिछड़े होने के आधार पर आरक्षण ना दिए जाने का फैसला सुनाया था. साथ ही जिन कुछ जजों ने अपनी संपत्ति भी घोषित की थी उनमें से एक रंजन गोगोई भी थे.

जस्टिस शरद अरविंद बोबडे
सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठता के आधार पर जस्टिस शरद अरविंद बोबडे दूसरे नंबर पर हैं. कहा जा रहा है कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के रिटायर होने के बाद इस पद के दावेदार जस्टिस शरद अरविंद बोबडे होंगे. उन्होंने एक पीठ के साथ शामिल होकर सबसे अहम फैसला सुनाया था कि आधार कार्ड नहीं रखने वाले भारतीय नागरिकों को सरकारी फायदों से दूर नहीं किया जा सकता है. जस्टिस शरद अरविंद बोबडे उस पीठ में भी शामिल थे जिसने पटाखों पर बैन का फैसला सुनाया था.

जस्टिस एनवी रमन्ना
जस्टिस एनवी रमन्ना भी आने वाले समय में चीफ जस्टिस पद के उम्मीदवारों में से एक होंगे. वो सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठता के आधार पर तीसरे नंबर पर हैं. उन्होंने फैसला सुनाया था कि किसी भी मंदिर में होनेवाली नियुक्ति का अधिकार मंदिर बोर्ड के पास होगा. उन्होंने कहा था कि ये नियुक्ति संविधान के दायरे में ही करनी होगी.

जस्टिस यूयू ललित
सुप्रीम कोर्ट में जज के पद पर नियुक्ति होने से पहले जस्टिस यूयू ललित मशहूर वकील रह चुके हैं. उन्होंने सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में अमित शाह की और कई और हाई प्रोफाइल मामलों में कई बड़े हाई कोर्ट में पैरवी की थी. सबसे अहम था कि जस्टिस यूयू ललित तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिए जाने वाली बेंच का हिस्सा था.

जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ 
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के पिता सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रहे हैं. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ उस बेंच का हिस्सा थे जिसने अडल्ट्री को अपराध के दायरे से खत्म करने का फैसला सुनाया था. वो समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर करने का फैसला देनेवाली बेंच में भी शामिल थे. डीवाई चंद्रचूड़ कई बार अपने फैसलों में की जानेवाली प्रगतिशील टिप्पणियों के कारण चर्चित रहे. 

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