Ayodhya Ram Mandir Design: अयोध्या राम मंदिर निर्माण की तैयारियां जोरो पर है. अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने के लिए दो साल का समय लग सकता है. पत्थरों को तराशने का काम लगभग 40 फीसदी पूरा हो चुका है. जल्द ही मंदिर निर्माण का शिलान्यास होगा. 1990 में राम मंदिर निर्माण को लेकर जो ईंटें इकट्ठा की गई थी उन्हें मंदिर की नींव में डाला जाएगा. अयोध्या राम मंदिर का गर्भ गृह अष्टकोणीय होगा.
लखनऊ: अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर कैसे बनेगा यह सवाल पूरी दुनिया में राम भक्तों के मन मे है क्योंकि राम मंदिर लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ प्रश्न है. दूसरी तरफ राजनीतिक नजरिए से देखें तो अयोध्या राम मंदिर बीजेपी के लिए यूपी में जीत का आशीर्वाद बनकर आ सकती है. यही वजह है कि सरकार की पूरी कोशिश होगी कि 2022 तक अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो जाए और 2022 में उसका उद्घाटन हो ताकि राम मंदिर के नाम पर एक बार फिर वोट मांगे जा सके.
अयोध्या राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद मंदिर निर्माण को लेकर कमेटी बना दी गई है और मंन्दिर कैसा बनेगा उसकी रूपरेखा भी लगभग तय हो गई है. मंदिर बनाने के लिए पैसा जनता से आएगा. सूत्रों के मुताबिक 1990 के दशक के राम जन्मभूमि आन्दोलन के दौरान एकत्र की गई ईंटों का इस्तेमाल मंदिर के नींव के लिए किया जाएगा. मुख्य मंदिर का नक्शा भी वही रहेगा जो गुजराती वास्तुकार चन्द्रकांत सोमपुरा ने तैयार किया था. आप को बताते चलें की चालीस फ़ीसद पत्थरों के गढ़ने का काम हो चुका है. इन सबका इस्तेमाल मंदिर में किया जाएगा. मंदिर के सिंहद्धवार का निर्माण उसी स्थान पर होगा जहां पर 1989 मंदिर का शिलान्यास हुआ था, जिसकी पहली ईंट संघ परिवार के वृहद् हिन्दू समावेश योजना के तहत एक दलित कारसेवक कामेश्वर चौपाल जो राम जन्मभूमि निर्माण समिति के सदस्य भी है उनसे रखवाई जाएगी.
अभी तक जो डिज़ाइन उसके अनुसार मुख्य ढाचां 270 फुट लंबा ,145 फुट चौड़ा ,141 फुट ऊँचा होगा. यह मंदिर उन कुछ दुर्लभ मंदिरों में से एक होगा जिसमें अष्टकोणीय गर्भ गृह होगा. इसके साथ ही इसमें अस्पताल,संत निकेतन ,कथा कुंज ,भोजनालय,दार्शनिक और अनुसंधान केन्द्र भी होगा. वहीं यूपी सरकार यहाँ पर सरयू के तट पर 250 करोड़ रू की लागत की 251 फ़ीट राम की प्रतिमा लगा रही है. इसके साथ ही 500 करोड़ रू खर्च कर अयोध्या का विकास करने के साथ ही हवाई अड्डे के निर्माण में भी लग गई है शायद यही संजीवनी 2022 और 2024 के चुनाव की नैया पार लगाए.