नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ करने वाली सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ का हिस्सा रहे जजों में से एक ही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शरीक होंगे। तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली इस बेंच में शामिल चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एसए बोबडे, अशोक भूषण और […]
नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ करने वाली सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ का हिस्सा रहे जजों में से एक ही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शरीक होंगे। तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली इस बेंच में शामिल चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एसए बोबडे, अशोक भूषण और एस अब्दुल नज़ीर को 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में राजकीय अतिथि के रूप में निमंत्रण दिया गया था। हालांकि इनमें से केवल एक ही न्यायाधीश इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, पूर्व सीजेआई गोगोई और एसए बोबडे के अलावा जस्टिस नजीर विभिन्न कारणों से सोमवार को होने वाले ‘प्राण प्रतिष्ठा’ कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। इनमें से केवल जस्टिस भूषण ही इस समारोह में शामिल होंगे।
CJI चंद्रचूड़ के लिए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में वर्किंग डे रहेगा और उनके लोकाचार को देखते हुए वो किसी धार्मिक समारोह में भाग लेने के लिए अदालत का काम नहीं छोड़ेंगे। इसके अलावा जस्टिस बोबडे नागपुर में अपने पैतृक आवास में एक शांत रिटायर्ड जीवन बिता रहे हैं और उन्होंने अभी तक मंदिर के अधिकारियों को ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में शामिल होने के बारे में सूचित नहीं किया है।