Ayodhya Ram Janam Bhumi Case: सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को अयोध्या में गैर विवादित जमीन को अधिग्रहित करने की संवैधानिक वैधता को चुनैति देते हुए याचिका दायर की गई है. बता दें कि करीब 26 साल पहले तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने अयोध्या में विवादित स्थल के आसपास करीब 67.703 एकड़ भूमि अधिग्रहित की थी. हाल में ही केंद्र की मोदी सरकार इसी विवादित भूमि को इसके असल मालिकों को लौटने को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी.
नई दिल्ली. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा अयोध्या में विवादित भूमि के आसपार अधिग्रहित की गई गैर विवादित भूमि को उसके असल मालिकों को लौटने की अर्जी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में नई याचिक दाखिल की गई है. इस याचिका में अयोध्या एक्ट 1993 के तहत अधिग्रहित की गई भूमि की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाए हैं. खबरों के मुताबिक, शीर्ष अदालत में यह याचिका कमलेश तिवारी ने दाखिल की है. इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार रामजन्म भूमि अधिग्रहित नहीं कर सकती है.
A plea filed in Supreme Court challenging the Constitutional validity of 'The Acquisition of Certain Area At Ayodhya Act, 1993'.
— ANI (@ANI) February 4, 2019
गैर विवादित भूमि को लौटाने की याचिका को लेकर मोदी सरकार के कदम की कई लोगों ने स्वागत किया था. बता दें कि साल 26 साल पहले तत्कालीन कांग्रेस सरकार साल 1993 में अयोध्या एक्ट 1993 के तहत विवादित स्थल और उसके आसपास की करीब 67.703 एकड़ जमीन अधिग्रहित करते हुए जमीन विवाद को लेकर दाखिल तमाम याचिकाओं को खत्म कर दिया था. हालांकि, उस समय भी सरकार के इस एक्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई जिसपर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जमीन केंद्र सरकार के पास ही रखने को कहा था.
लोक सभा चुनाव 2019 से पहले नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले को बड़ा कदम माना जा रहा है. राजनीतिक जानकारों का इस मामले पर कहना था कि इस कदम के बाद फिर से नरेंद्र मोदी सरकार ने चुनाव से पहले राम मंदिर को मुद्दा बनाते हुए अपना वोट बैंक मजबूत करने की कोशिश कर रही है. वहीं विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) औ हिंदूवादी संगठन संगठनों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया था.