अयोध्या/लखनऊ: कंधे पर केसरिया ध्वज और पीठ पर राम मंदिर की तस्वीर के साथ मुख में राम नाम, राम भक्ति में लीन होकर मुंबई से अयोध्या के लिए पैदल रवाना हुई मुस्लिम महिला शबनम शेख की इन दिनों खूब चर्चा हो रही है. शबनम अपने दो दोस्तों के साथ मुंबई से पैदल अयोध्या के लिए […]
अयोध्या/लखनऊ: कंधे पर केसरिया ध्वज और पीठ पर राम मंदिर की तस्वीर के साथ मुख में राम नाम, राम भक्ति में लीन होकर मुंबई से अयोध्या के लिए पैदल रवाना हुई मुस्लिम महिला शबनम शेख की इन दिनों खूब चर्चा हो रही है. शबनम अपने दो दोस्तों के साथ मुंबई से पैदल अयोध्या के लिए निकली है और वह 100 किलोमीटर से अधिक का सफर भी तय कर चुकी है।
शबनम का एक ही मकसद है रामलला के दर्शन करना. वह खुद को सनातनी मुस्लिम बताती है. शबनम की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार की ओर से उनकी सुरक्षा में 3 पुलिसकर्मी तैनात किया गया है. इसमें एक महिला पुलिसकर्मी भी शामिल है. शबनम का कहना है कि वह बचपन से ही रामायण और महाभारत जैसे पौराणिक सीरियल्स को देखते हुई बड़ी हुई है. वह प्रभु श्री राम को आदर्श मानती है. अपने नाम के आगे सनातनी मुस्लिम लगाने का विचार वकील, लेखक, प्रेरक वक्ता, विचारक और कार्यकर्त से प्रेरित होकर लिया है।
शबनम का कहना है कि उनकी ये यात्रा आध्यात्मिक यात्रा है. उनके घरवालों ने हमेशा प्रोत्साहित करने का काम किया है. बचपन में मेरे पापा, हम और चारों भाई-बहनों रामायण और महाभारत से जुड़े जानकारी के लिए क्विज खेला करते थे. यह बात सही है कि मेरे लिए यह पहला ऐसा मौका है जब मैं मुंबई से अयोध्या के लिए पैदल यात्रा करते हुए जा रही हूं, लेकिन इससे पहले भी मैं मथुरा और अयोध्या जा चुकी है. अयोध्या जाना मेरे लिए कोई नई बात नहीं है. सुरक्षा को लेकर बात करते हुए शबनम बताती है कि जब अंधेरा होता है तो मन मे थोड़ा डर होता है, लेकिन प्रभु राम का नाम स्मरण करते ही डर दूर हो जाता है।
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