नई दिल्ली: सिद्धपीठ रामनगरी हनुमानगढ़ी में दर्शन व्यवस्था का मंगलवार को शुभारंभ हो गया. बता दें कि हनुमानगढ़ी से बाहर निकलने पर एक वीआईपी लाइन बनाई गई है. दरअसल इस पट्टी तक केवल वीआईपी यानी खास लोगों को ही प्रवेश दिया जा रहा है. साथ ही हनुमानगढ़ी में जन दबाव राम मंदिर से कम नहीं […]
नई दिल्ली: सिद्धपीठ रामनगरी हनुमानगढ़ी में दर्शन व्यवस्था का मंगलवार को शुभारंभ हो गया. बता दें कि हनुमानगढ़ी से बाहर निकलने पर एक वीआईपी लाइन बनाई गई है. दरअसल इस पट्टी तक केवल वीआईपी यानी खास लोगों को ही प्रवेश दिया जा रहा है. साथ ही हनुमानगढ़ी में जन दबाव राम मंदिर से कम नहीं है. हालांकि यहां प्रतिदिन 20 लाख से अधिक श्रद्धालु भी दर्शन-पूजन के लिए आने वाले है.
हनुमानगढ़ी के हनुमंतलला को अयोध्या के राजा के रूप में पूजा जाता है. जब कोई अयोध्या आता है तो सबसे पहले हनुमंतलला के दरबार में हाजिरी लगाने की प्रथा है. इसी वजह से अयोध्या आने वाले श्रद्धालु हनुमानगढ़ी के दर्शन करना नहीं भूलते, हनुमानगढ़ी में पहले से ही भीड़ का दबाव है, लेकिन राम मंदिर खुलने के बाद से अयोध्या में भी भीड़ बढ़ गई है, इसलिए यहां भी भीड़ का दबाव बढ़ गया है. हालांकि हनुमानगढ़ी अखाड़ा ने हाल ही में एक बैठक की और हनुमानगली में यात्री सुविधाएं विकसित करने की योजना प्रस्तुत की और काम तेजी से चल रहा है.
संकट मोचन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत संजय दास ने कहा कि रामजन्मभूमि की तरह हनुमानगढ़ी में भी प्रतिदिन बड़ी संख्या में प्रतिष्ठित लोग आते हैं. भीड़ के कारण असुविधा से बचने के लिए ये व्यवस्था की गई थी. बता दें कि मुख्यमंत्री जब भी अयोध्या आते हैं तो सबसे पहले दर्शन के लिए हनुमानगढ़ी पहुंचते हैं. इन दिनों में देश के अन्य राज्यों से मुख्यमंत्री, राज्यपाल, मंत्री, प्रतिनिधि, न्यायपालिका और प्रशासनिक सेवाओं के प्रमुख सदस्य भी आते हैं. इस पृष्ठभूमि में एक नई प्रणाली विकसित की गई.
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