Ayodhya Mediation Meeting Media Ban: अयोध्या राम मंदिर विवाद को सुलझाने के लिए मध्यस्थता शुरू हो गई है. मध्यस्थों ने पहली बैठक में फैसला लिया है कि मीडिया को इससे बाहर रखा जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए थे कि मध्यस्थ चाहें तो बैठक रिपोर्टिंग पर बैन लगा सकते हैं.
नई दिल्ली. अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त मध्यस्थता समिति ने मामले की मध्यस्थता को लेकर रिपोर्टिंग पर रोक लगा दी है. गुरुवार को मध्यस्थता समिति ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा कि अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में मध्यस्थता की रिपोर्टिंग पर रोक लगा दी गई है और सभी पक्षों से कहा गया है कि वे गोपनीयता बनाए रखें. मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने पिछली सुनवाई में मध्यस्थता समिति को ये अधिकार दिया था कि अगर वो चाहे तो मध्यस्थता की रिपोर्टिंग पर रोक लगा सकते है या रोक लगाने को लेकर संविधान पीठ में अर्जी दाखिल कर सकते हैं.
मालूम हो कि इस विवादित मसले पर 8 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को मध्यस्थता से सुलझाने की कोशिश की जाए. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने 3 सदस्यों का एक पैनल गठित किया था. इस पैनल के अध्यक्ष पूर्व जज एफएमआई कलीफुल्ला हैं. पैनल में धर्म गुरु श्री श्री रविशंकर और सीनियर एडवोकेट श्रीराम पंचू भी शामिल हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अयोध्या राम जन्मभूमि मामले की मध्यस्थता की प्रक्रिया फैजाबाद में होगी. उन्होंने कहा कि मध्यस्थ 8 हफ्ते में मध्यस्थता की प्रक्रिया पूरी करें. मध्यस्थता की प्रक्रिया कैमरे के सामने होगी और मध्यस्थ कानूनी सलाह भी ले सकते हैं. इसके लिए पहली बैठक बुधवार को की गई. इस बैठक में फैसला लिया गया कि मीडिया इस बैठक की रिपोर्टिंग नहीं करेगी. सभी पक्षों को बैठक में शामिल होने और गोपनीयता बनाए रखने के सख्त निर्देश दिए गए हैं.