Ayodhya Land Dispute Hindu Mahasabha Petition: अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में हिन्दू पक्ष की पहली पुनर्विचार याचिका दाखिलकी गई है. इसमें कहा गया है कि- मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन देने पर फिर से विचार करें. यह हिंदू पक्ष की ओर से पहली याचिका है, मुस्लिम पक्ष अब तक 6 याचिका दे चुका है. हिंदू महासभा ने याचिका में कहा है कि मुसलमानों को 5 एकड़ जमीन देने की कोई जरूरत नहीं है.
नई दिल्ली. अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में हिन्दू पक्ष की तरफ से पहली पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है. हिन्दू महासभा ने पुनर्विचार याचिका दाखिल कि है. हिन्दू महासभा पहला हिन्दू पक्ष है जिसने अयोध्या रामजन्मभूमि मामले में पुनर्विचार याचिका दाखिल किया है. याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन देने पर फिर से विचार करे. याचिका में कहा गया कि किसी भी पक्ष ने मोल्डिंग ऑफ रिलीफ में वैकल्पिक जमीन की मांग नही की थी. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ द्वारा अनुच्छेद 142 के तहत मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन नहीं देनी चाहिए थी. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि विवादित ढांचा मस्जिद थी उसे हिस्से को फैसले से हटाया जाए.
विवादित ढांचा गिराने को लेकर निचली अदालत में सुनवाई चल रही है ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निचली अदालत प्रभावित होगा. सुप्रीम कोर्ट निचली अदालत को आदेश दे कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रभावित हुए बिना मामले की सुनवाई कर फ़ैसला दे. उच्चतम न्यायालय में छह न्यायाधीशों की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ के ऐतिहासिक फैसले के खिलाफ छह समीक्षा याचिकाएं पहले ही दायर की जा चुकी हैं. अदालत ने विवादित अयोध्या स्थल पर राम मंदिर के निर्माण के पक्ष में फैसला सुनाया जहां 16 वीं सदी के बाबरी मस्जिद थे 1992 में ध्वस्त कर दिया गया था. हिंदू महासभा अब उस आदेश की समीक्षा करने के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख कर रही है जिसने लंबे और संवेदनशील विवाद को समाप्त किया.
हिंदू महासभा के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि संगठन सोमवार को अदालत में याचिका दायर की. हिंदू महासभा ने अपनी याचिका में कहा है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि अयोध्या में विवादित स्थल के अंदर और बाहर दोनों जगह हिंदुओं के हैं, अदालत के पास 5 एकड़ का भूखंड मुसलमानों को आवंटित करने का कोई कारण नहीं है. इस तर्क के साथ, हिंदू महासभा अयोध्या विवाद को खत्म करने के लिए ऐतिहासिक फैसले की समीक्षा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. फैसले के खिलाफ यह सातवीं समीक्षा याचिका है.