Ayodhya Land Dispute Case SC Hearing Day 36 Written Updates: अयोध्या मामले में हुई 36वें दिन की सुनवाई, जानिए हिन्दू पक्ष की दलीलों पर क्या बोला सुप्रीम कोर्ट, कल भी जारी रहेगी सुनवाई
Ayodhya Land Dispute Case SC Hearing Day 36 Written Updates: अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट रोजाना सुनवाई कर रही है. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के सामने आज 36वें दिन की सुनवाई शुरू हुई. अयोध्या श्री राम जन्मभूमि मामले में 36 वें दिन की बहस की शुरुवात हिन्दू पक्ष की तरफ से सी एस वैधनाथन ने की. सी एस वैधनाथन ने कहा मकर की आकृति वाला परनाला तो हिन्दू मंदिरों का प्रतीक है क्योंकि ये गंगा का वाहन है. वहां मिली 16 नम्बर दीवार 10 वीं 11 वीं सदी में बने होने का पता चलता है. जबकि ASI की रिपोर्ट में 5 नम्बर की दीवार तो बहुत बाद में बनी है. दीवार नम्बर 16 को 6 मीटर तक खोदा गया लेकिन गैंग वे मिलने की वजह से खुदाई बंद करनी पड़ी. वैद्यनाथन ने ASI की तस्वीरों के हवाले से कहा कि विवादित ढांचा खंभों के आधार पर टिका होने के सबूत मिले हैं. बता दें कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है.
October 3, 2019 6:20 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago
नई दिल्ली. Ayodhya Land Dispute Case SC Hearing Day 36 Written Updates: अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट रोजाना सुनवाई कर रही है. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के सामने आज 36वें दिन की सुनवाई शुरू हुई. अयोध्या श्री राम जन्मभूमि मामले में 36 वें दिन की बहस की शुरुवात हिन्दू पक्ष की तरफ से सी एस वैधनाथन ने की. सी एस वैधनाथन ने कहा मकर की आकृति वाला परनाला तो हिन्दू मंदिरों का प्रतीक है क्योंकि ये गंगा का वाहन है. वहां मिली 16 नम्बर दीवार 10 वीं 11 वीं सदी में बने होने का पता चलता है. जबकि ASI की रिपोर्ट में 5 नम्बर की दीवार तो बहुत बाद में बनी है. दीवार नम्बर 16 को 6 मीटर तक खोदा गया लेकिन गैंग वे मिलने की वजह से खुदाई बंद करनी पड़ी. वैद्यनाथन ने ASI की तस्वीरों के हवाले से कहा कि विवादित ढांचा खंभों के आधार पर टिका होने के सबूत मिले हैं. बता दें कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है. इस संवैधानिक पीठ में जीफ जस्टिस रंजन गोगोई के अलावा जस्टिस एस.ए.बोबडे, जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. ए . नजीर भी शामिल है. यह पूरा विवाद 2.77 एकड़ की जमीन के मालिकाना हक को लेकर है.
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा आस्था और विश्वास पूरी तरह से अलग दलीलें हैं,बेशक आस्था और विश्वास के लिए सबूत नहीं हो सकते. लेकिन हम अब मुख्य साक्ष्य की ओर हैं.
इस पर सीएस वैद्यनाथन ने कहा यह हिंदुओं के लिए महत्व का स्थान है. यह बौद्धों का पवित्र स्थान नहीं रहा है. इसलिए यह एक उचित अनुमान है कि यह एक हिंदू मंदिर था.
जस्टिस चंद्रचूड ने कहा क्या यह दावा करने के लिए उन विशेषताओं का हवाला दिया जा सकता है कि यह एक हिंदू मंदिर है जो बौद्ध विहारों में भी मौजूद है? दूसरे शब्दों में सबूत का बोझ आप पर यह साबित करने के लिए है कि यह एक हिंदू मंदिर है.
वैद्यनाथन् ने वेदों, श्रुति, स्मृति समेत उपनिषदों का हवाला दिया. हिन्दुओं का यह विश्वास आज का नहीं है.
राजीव धवन-हमने वेदों, उपनिषदों को चुनौती नहीं दी है. रहा सवाल कुरान का तो उस पर भी सवाल नहीं है. जो भी लिखित में है वह अदालत के सामने है.
वैद्यनाथन- कुरान में यह कहा गया है कि प्रोफेट के विचारों को स्मृति में रखने के लिए सुनकर उन्हें लिखा गया. मेरा ये कहना है कि परंपरा और धर्मपुसेतकों को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में माना है.
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि गुरूनानक देव भी अयोध्या गए थे.
वैद्यनाथन-मैं इस पर एक नोट तैयार कर अदालत में दाखिल करूंगा.
विश्वास को लेकर वैद्यनाथन ने कहा ने कहा कि मस्जिद के मुख्य डोम में राम का जन्म हुआ था। यह लोगों का विश्वास है.
वैद्यनाथन की दलीले पूरी.
रणजीत कुमार गोपाल सिंह विशारद / राजेन्द्र सिंह की ओर से पेश होते हुए 5 मिनट का वक़्त अपनी दलील के लिए लिया.
कोर्ट ने साफ किया कि निर्मोही अखाड़े को अपनी दलील 4 बजे तक पूरी करनी होगी.
15 मिनट ब्रेक के बाद 4.15 बजे से पीएन मिश्रा 5 बजे तक मुस्लिम पक्षकारों की आपत्तियों, दलीलों और तर्कों का प्रत्युत्तर देंगे.
गोपाल सिंह विशारद ने नरसिंहम ने स्कन्दपुराण के अयोध्या महात्यम के श्लोक ‘ तस्मात स्थानेषाणे रामजन्म प्रवर्तते। जन्मस्थाम इदं प्रोक्तं मोक्षादि फलसाधनम. उदधृत करते हुए कहा अयोध्या में राम जन्मस्थान की यात्रा मोक्षदाई है. मोक्ष हिन्दू दर्शन के चार पुरुषार्थों में से आखिरी है.
नरसिंहम ने कहा ये अकेली जगह नहीं जहां मन्दिर के साथ मस्जिद बनाई गई है. उनका मकसद रहा कि हम राम के अपनी श्रद्धा भूल जाएं. इतना होने के बावजूद हिंदुओं की आस्था यहां लगातार बनी हुई है. नरसिंहम ये अकेली जगह नहीं जहां मन्दिर के साथ मस्जिद बनाई गई है. उनका मकसद रहा कि हम राम के अपनी श्रद्धा भूल जाएं. इतना होने के बावजूद हिंदुओं की आस्था यहां लगातार बनी हुई है.
अब निर्मोही अखाड़ा की ओर से सुशील जैन ने बहस की शुरुवात की. जैन ने कोर्ट को कहा कि अब ये सुनवाई 20-20 जैसी हो गई है.
इससे कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आपको हमने साढ़े चार दिन दिए. जब आपको जवाब देना है तो अब आप इसे 20-20 कह रहे हैं? तो क्या आपकी पिछली बहस टेस्ट मैच थी?
अखाड़े के जवाब शुरू होने से पहले ही धवन ने कहा कि जवाब में मेरा नाम गलत लिखा हुआ है.
सुशील जैन ने कहा कि मेरी दलीलें और जवाब थोड़े पेचीदा हैं.
इस पर जस्टिस नज़ीर ने हंसते हुए कहा कि आप चिंता ना करें आप हारते भी है तो आप जीतने वालों की तरफ ही होंगे.
यानी कोर्ट का आशय ये था कि हिन्दू अखाड़ा और सेवायत होने की वजह से आपको भी लाभ मिल सकता है.
सुशील जैन ने कहा हमारा दावा आंतरिक अहाते को लेकर है. क्योंकि बाहर तो हमारा अधिकार और कब्ज़ा था ही. हमने बाहर के पजेशन के लिए अर्ज़ी नहीं लगाई है क्योंकि वो तो पहले से ही हमारे पास थी. हमारी दलील है कि यहां अनुच्छेद 144 लागू होगा जा कि 120B.
हिन्दू पक्षकार श्री राम जन्मस्थान पुनरुत्थान समिति के पी ए मिश्रा ने बहस शुरू की.
भूमि की शास्त्रीय व्याख्या करते हुए कहा कि इमारत भी भूमि की श्रेणी में आता है. लेकिन स्थान का मतलब देवता का भवन या धाम भी होता है.
धवन- इस दलील का कोई मतलब नहीं क्योंकि भूमि की हिन्दू व्याख्या और शब्दकोश अलग है और मुस्लिम डिक्शनरी अलग.
भूमि के देवता होने की सात मौलिक शर्तों और व्याख्या पर मिश्रा के ताज़ा दस्तावेज कोर्ट ने खारिज कर दिए. कोर्ट ने कहा कि ये सब पहले क्यों नहीं बताया जो अब कोर्ट के सामने लाए हैं. इस चरण में हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते.
चंद्रचूड़- आप देवता की मूर्ति की पूजा करते हैं ना कि अमूर्त चीजों की.
आप यहाँ क्या संवैधानिक मसला बताना चाहते हैं. हम पांच जज बैठे हैं तो इसका मतलब ये नहीं कि ये संविधान पीठ है ये सिर्फ पांच जजों की बेंच है. ये पहली अपील है हम यहां सिर्फ टाइटल सूट को सुनने बैठे हैं। अब नई नई चीजें बताने का समय नहीं है.
कोर्ट ने मिश्रा को बैठने को कहा और निर्मोही अखाड़े के सुशील जैन से अपना जवाब देने को कहा.
पीएन मिश्रा ने कहा कि आप पांच जज बैठे हैं लिहाज़ा बेंच इस मामले के विस्तृत फलक पर सुनवाई कर रही है.
इस पर cji ने नाराजगी भरे अंदाज़ में कहा कि पांच जजों की ये बेंच संविधान से जुड़े मसले पर नहीं बल्कि इस मसले की गंभीरता के मद्देनजर सुन रही है.
अब शुक्रवार को मुस्लिम पक्षकारों की ओर से सूट नम्बर 4 यानी सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड दलील शुरू करेगा.