Ayodhya Land Dispute Case SC Hearing Day 35 Written Updates: अयोध्या मामले में हुई 35वें दिन की सुनवाई, जानिए हिन्दू पक्ष की दलीलों पर क्या बोला सुप्रीम कोर्ट, गुरुवार को होगी अगली सुनवाई

Ayodhya Land Dispute Case SC Hearing Day 35 Written Updates: अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट रोजाना सुनवाई कर रही है. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के सामने आज 35वें दिन की सुनवाई शुरू हुई. राम जन्मभूमि मामले 35 वें दिन की सुनवाई के दौरान हिन्दू पक्ष ने बहस की शुरुवात की. परासरण ने कहा भगवद्गीता के श्लोक उद्धृत करते हुए कहा कि पापकर्म की बदनामी मृत्यु से भी निकृष्ट है. लोगों का अगर किसी भूमि स्थान पर अलौकिक शक्तिशाली और ऊर्जा होने का विश्वास और श्रद्धा है तो वो भी कानूनी व्यक्ति हो जाता है. यानी उसे संकट के समय अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए अदालत जाने का हक है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उन गुणों की घोषणा स्वयंभू है या किसी ने की है. हिन्दू सनातन दर्शन में तो पांच तत्व धरती, गगन, अग्नि, वायु और जल के साथ दसों दिशाओं की पूजा होती है. श्री देवी भू देवी भी पूजित हैं. चिदम्बरम मन्दिर में शिव का लिंग नहीं है. वहां एक पर्दा है. पर्दा हटता है तो नटराज के दर्शन होते हैं. तमिलनाडु के समुद्रतट पर मयलापुरम में भी मन्दिर तो है पर मूर्ति नहीं. बता दें कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है.

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Ayodhya Land Dispute Case SC Hearing Day 35 Written Updates: अयोध्या मामले में हुई 35वें दिन की सुनवाई, जानिए हिन्दू पक्ष की दलीलों पर क्या बोला सुप्रीम कोर्ट, गुरुवार को होगी अगली सुनवाई

Aanchal Pandey

  • October 1, 2019 6:41 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. Ayodhya Land Dispute Case SC Hearing Day 35 Written Updates: अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट रोजाना सुनवाई कर रही है. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के सामने आज 35वें दिन की सुनवाई शुरू हुई. राम जन्मभूमि मामले 35 वें दिन की सुनवाई के दौरान हिन्दू पक्ष ने बहस की शुरुवात की. परासरण ने कहा भगवद्गीता के श्लोक उद्धृत करते हुए कहा कि पापकर्म की बदनामी मृत्यु से भी निकृष्ट है. लोगों का अगर किसी भूमि स्थान पर अलौकिक शक्तिशाली और ऊर्जा होने का विश्वास और श्रद्धा है तो वो भी कानूनी व्यक्ति हो जाता है. यानी उसे संकट के समय अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए अदालत जाने का हक है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उन गुणों की घोषणा स्वयंभू है या किसी ने की है. हिन्दू सनातन दर्शन में तो पांच तत्व धरती, गगन, अग्नि, वायु और जल के साथ दसों दिशाओं की पूजा होती है. श्री देवी भू देवी भी पूजित हैं. चिदम्बरम मन्दिर में शिव का लिंग नहीं है. वहां एक पर्दा है. पर्दा हटता है तो नटराज के दर्शन होते हैं. तमिलनाडु के समुद्रतट पर मयलापुरम में भी मन्दिर तो है पर मूर्ति नहीं. बता दें कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है. इस संवैधानिक पीठ में जीफ जस्टिस रंजन गोगोई के अलावा जस्टिस एस.ए.बोबडे, जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. ए . नजीर भी शामिल है. यह पूरा विवाद 2.77 एकड़ की जमीन के मालिकाना हक को लेकर है.

  • इन दलीलों पर मुस्लिम पक्ष की ओर से राजीव धवन ने इस पर बीच मे ही टोका- हिन्दू पक्षकारों ने जो चिदंबरम या मयलपुरम के उदाहरण दिए हैं वहाँ मन्दिर हैं और उपासना अदृश्य देवता की होती है.
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट में कामकाज सही सुचारु रूप से चल रहा है। ऐसे में कानून व्यवस्था और नागरिक सेवाओं को लेकर सभी याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट की बजाय वहीं दाखिल की जाएं,
  • सरकार ने कहा कि दिन में तो जम्मू कश्मीर में कहीं भी आवाजाही पर किसी भी तरह की कोई पाबंदी नहीं है,
  • सरकार ने कहा कि वो 9 हफ्तों में सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल कर देगी,
  • जस्टिस बोबड़े- क्या ज्योतिषिय ग्रन्थों में भी रामजन्म के स्थान समय का कोई ज़िक्र है क्या?
  • धवन- कौन सा ज्योतिष? वो ज्योतिष जो सूर्य से या वो जो चन्द्र की चाल से माना जाता है? क्योंकि कुछ ज्योतिषी तो सूर्य से कुछ चन्द्र से कुछ जन्म समय के सटीक लग्न और कुछ ग्रह गोचर के मुताबिक ज्योतिषीय गणना करते हैं. सबका तरीका गणित और फलित अलग अलग है.
  • अब मेरा समय अभी राहु और केतु के बीच फंसा है. जो मुझे मुश्किल में डाल रहा है. और जन्मकाल के अनुसार मैं फिलहाल शनि के प्रभाव में हूँ.

  • जस्टिस बोबड़े- हम तो इस आशय से पूछ रहे थे कि क्या वहां ज्योतिष ग्रन्थों में भी कोई तथ्य है?
  • परासरण- चैत की नवमी को दोपहर अभिजीत नक्षत्र में अयोध्या में विष्णु के सातवें अवतार भगवान राम का जन्म हुआ. उस नवमी को हिन्दू रामनवमी का उत्सव मनाते हैं. इस उत्सव और विशेष पूजा के लिए जन्मस्थान और वहां बने मन्दिर में पूजा का विधान है.
  • इस दिन हम दूसरे उत्सव मनाने के बजाय मन्दिर जाते हैं.
  • परासरन ने भगवत गीता के कुछ श्लोक को पढ़ा और एक न्यायिक व्यक्ति के रूप में माना जाने वाला स्थान पर जोर दिया.
  • परासरन ने कहा कि अगर लोगों को विश्वास है कि किसी जगह पर दैव्य शक्ति है तो इसमें न्यायिक व्यक्ति माना जा सकता है जिसका दिव्य अभिव्यक्ति से कोई अंतर न हो.
  • परासरन ने कहा कि कुड्डालोर मंदिर का उदाहरण देते हुए कहा कि कुड्डालोर मंदिर में भी कोई मूर्ति नहीं है और केवल एक दिया जलता है जिसकी पूजा की जाती है.
  • राजीव धवन ने परासरन की दलील पर टोकते हुए कहा कि इनके सभी उदाहरण में मंदिर था, यह एक मंदिर के रूप में बताया गया है. ये नयी दलील पेश कर रहे हैं. इनको ये साबित करना होगा कि वहां मंदिर था और लोग पूजा करते थे.
  • परासरन ने कहा कि लोगों के विश्वास के साथ पूजा स्थल को मंदिर कहा जा सकता है, मंदिर पूजा स्थान के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक सामान्य शब्द है.
  • राजीव धवन ने कहा कि सिर्फ कुछ ट्रेवलर के आधार पर यह नही कहा जा सकता है वहां पर मंदिर था, हिंदुओं ने वहां पर पूजा इस स्थान से शुरू की.
  • जस्टिस भूषण ने पूछा कि क्या वह ओर एक या दो न्यायिक व्यक्ति होंगे, भूमि और राम?
  • परासरन ने कहा कि वह पर दो से ज़्यादा न्यायिक व्यक्ति होंगे.
  • जस्टिस बोबडे ने कहा कि इनमें से कुछ प्रमुख देवता होते है और अन्य भी होते है. एक मंदिर में कई देवता हो सकते हैं.
  • परासरन ने कहा कि मंदिर में एक प्रमुख देवता होता है और अनेक रूपों में हमें उस देवता का पूजा करते है. हम न्यायालय को न्याय का मंदिर कहते हैं. हमारे पास कई न्यायाधीश हैं, लेकिन हम पूरे को एक संस्था न्यायालय कहते हैं. और फैसले को सर्वोच्च फैसला कहते हैं.
  • जस्टिस DY चन्द्रचूड़ ने कहा कि मंदिर में हालांकि कई देवता हो सकते है, क्या सभी को ज्यूरिस्टिक पर्सन कहेंगे.
  • पराशरन- लेकिन न्यायाधिकारी व्यक्तित्व (न्यायिक व्यक्ति ) का श्रेय मंदिर के प्रमुख देवता को जाता है.
  • राजीव धवन ने कहा कि कोर्ट एक नई बहस की तरफ जा रहा है, यह मंदिर के नामकरण के बारे में नही है, मैं इस मामले में कोर्ट को एक लिखित नोट दूंगा.
  • पराशरन- मंदिर के लिये दो चीजें जरूरी होती हैं लोगों की आस्था और पूजा किया जाना.
  • जस्टिस भूषण- जैसे साई बाबा हैं. उनका भी जन्स्थान है तो क्या उनका जन्मस्थान भी ज्यूरिस्टिक पर्सन होगा.
  • पराशरन- इसपर मद्रास हाईकोर्ट फैसला दे चुका है और भगवान का दर्जा हाईकोर्ट दे चुका है.
  • परासरण की दलील पूरी. अब रामलला की ओर से सी वैद्यनाथन की दलील शुरू.
  • मुस्लिम पक्षकारों की दलील को खारिज किया कि विवादित स्थल पर कोई मन्दिर नहीं था. विवादित स्थल में भी हिन्दू पूजा करते रहे. क्योंकि उनका वहां जन्मभूमि होने का विश्वास था.
  • खुदाई में मिली दीवार भी मन्दिर की नहीं ईदगाह की होने की दलील को भी खारिज करते हुए खुदाई में मिली अन्य चीजों और रिपोर्ट पर ज़ोर दिया.
  • ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि वक़्फ़ बोर्ड ऐसे सवाल उठा रहा है जिनके जवाब हाईकोर्ट के फ़ैसले में मौजूद है.

  • वैद्यनाथन ने खुदाई के चार्ट दिखाते हुए कहा कि वहां खंबे और उनके आधार भी मिले हैं.
  • जिसे ईदगाह की दीवार बताया जा रहा है उसमें ऊपर भी छत होने के सबूत मिले हैं. ईदगाह पर छत नहीं होती. वो सिर्फ एक वॉल नहीं बल्कि हॉल था. मन्दिर का विशाल हॉल
  • धवन ने भी इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वो हिस्सा तो खुदा ही नहीं.
  • वैद्यनाथन- ये उस मुद्दे पर मुझे क्यों बाधित कर रहे हैं.जो इनकी दलील का हिस्सा ही नहीं था.
  • बहस इस पर हुई कि जिसे वैद्यनाथन खुदाई का हिस्सा बता रहे थे उसे धवन अनखुदा हिस्सा बता रहे थे.
  • वैद्ययनाथन -25 वीडियो ऑर्कियोलॉजिकल सर्वे ने खुदाई का बनाया था जिसे इलाहाबाद हाईकोर्ट ने देखा था. हाईकोर्ट ने रिपोर्ट में कुछ भी गलत नहीं पाया. साइट नोट भी हाईकोर्ट के सामने रखी थी.
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गुरुवार भोजनावकाश से पहले तक हिन्दू पक्षकार अपनी दलीले खत्म कर लें. निर्मोही अखाड़ा को गुरुवार दोपहर बाद एक घंटा मिलेगा. मुस्लिम पक्षकार धवन शुक्रवार सुबह सूट 4 पर बहस शुरू करेंगे. कोर्ट ने कहा कि अब सबको अलग-अलग सुनने का समय नहीं है.

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