Ayodhya Land Dispute Case SC Hearing Day 29 Written Updates: अयोध्या मामले में हुई 29वें दिन की सुनवाई, जानिए मुस्लिम पक्ष की दलीलों पर क्या बोला सुप्रीम कोर्ट, कल भी जारी रहेगी सुनवाई
Ayodhya Land Dispute Case SC Hearing Day 29 Written Updates: अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट रोजाना सुनवाई कर रही है. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के सामने आज 29वें दिन की सुनवाई शुरू हुई. मुस्लिम पक्ष की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने बहस की शुरुआत की.जस्टिस बोबड़े ने राजीव धवन से पूछा कि अब तक कितने तरह के ज्यूरिस्टिक पर्सन को मान्यता मिली है क्या उनकी सूची आप पेश कर सकते है? इस पर धवन ने कहा इसके लिए तो मुझे 18-20 पीएचडी करनी पड़ेगी. वैसे धर्मशास्त्र ने दो तरह के लोगों को ज्यूरिस्ट पर्सन माना है। एक तो वो जिनको मानते हैं और दूसरा जो खुद को ज्यूरिस्टिक पर्सन बना लेते हैं. कोर्ट तीसरे तरह के चीज़ को ज्यूरिस्टिक पर्सन बनाने पर सवाल कर रहे हैं. जो ना तो खुद से है ना ही लोगों ने बनाया. बता दें कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है.
September 23, 2019 6:40 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago
नई दिल्ली. Ayodhya Land Dispute Case SC Hearing Day 29 Written Updates: अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट रोजाना सुनवाई कर रही है. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के सामने आज 29वें दिन की सुनवाई शुरू हुई. मुस्लिम पक्ष की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने बहस की शुरुआत की.जस्टिस बोबड़े ने राजीव धवन से पूछा कि अब तक कितने तरह के ज्यूरिस्टिक पर्सन को मान्यता मिली है क्या उनकी सूची आप पेश कर सकते है? इस पर धवन ने कहा इसके लिए तो मुझे 18-20 पीएचडी करनी पड़ेगी. वैसे धर्मशास्त्र ने दो तरह के लोगों को ज्यूरिस्ट पर्सन माना है। एक तो वो जिनको मानते हैं और दूसरा जो खुद को ज्यूरिस्टिक पर्सन बना लेते हैं. कोर्ट तीसरे तरह के चीज़ को ज्यूरिस्टिक पर्सन बनाने पर सवाल कर रहे हैं. जो ना तो खुद से है ना ही लोगों ने बनाया. बता दें कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है. इस संवैधानिक पीठ में जीफ जस्टिस रंजन गोगोई के अलावा जस्टिस एस.ए.बोबडे, जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. ए . नजीर भी शामिल है. यह पूरा विवाद 2.77 एकड़ की जमीन के मालिकाना हक को लेकर है.
अब आप इलाहाबाद के किले से चारों ओर के इलाके को ज्यूरिस्टिक पर्सन मान लें जहाँ लेते हनुमान और संगम है तो ये कोई नए तरह के देवता हो जाएंगे.
पब्लिक लॉ ग्राउंड और प्राइवेट लॉ ग्राउंड्स की कसौटी पर इसे अलग अलग कस सकते हैं.
टाइटल की बात करें तो उनका राम चबूतरा पर ही हक है. बस!
राजीव धवन- 1528 में पौने पांच सौ साल पहले मस्जिद बनाई थी और 22 दिसंबर 1949 तक लगातार नमाज़ हुई. तब तक वहां अंदर कोई मूर्ति नहीं थी. एक बार मस्जिद हो गई तो हमेशा मस्जिद ही रहेगी.
धवन ने हाइकोर्ट के जस्टिस खान और अग्रवाल के फैसलों के अंश के हवाले से मुस्लिम पक्ष के कब्जे की बात कही.
बाहरी अहाते पर ही उनका अधिकार था. लगातार और खास तौर पर कब्जे का कोई प्रूफ नहीं है.
जबकि जस्टिस शर्मा ने हिन्दू पक्षकारों के अधिकार और पूजा की बात स्वीकारी है.
हालांकि दोनों पक्षकारों के पास 1885 से पुराने राजस्व रिकॉर्ड भी नहीं हैं.
राजीव धवन ने कहा धर्मशास्त्र में अपने से कुछ नहीं जोड़ा जा सकता, इस बारे में बहुत कुछ चर्चाऐं चलती रहती हैं। जैसे कि पीएम मोदी कहते हैं कि हम देश बदल रहे हैं लेकिन इसका मतलब ये नहीं समझा जाना चाहिए कि संविधान बदला जा रहा है.
धवन- औरंगज़ेब ने कई मंदिरों को अनुदान भी दिए. नाथद्वारा मन्दिर के बारे में भी यही मान्यता है.
इसके मौखिक और लिखित प्रमाण भी हैं.
बड़ी तादाद में लोग अगर किसी मन्दिर में दर्शन पूजन करते हैं ये कोई आधार नहीं है उसके ज्यूरिस्टिक पर्सन होने का.
हाईकोर्ट के फैसले की खामी ये है कि एक ही जगह के दो ज्यूरिस्टिक पर्सन नहीं हो सकते.
वैसे ही जैसे गुरुद्वारा और गुरुग्रन्थसाहब दो ज्यूरिस्टिक पर्सन नहीं हो सकते. सिर्फ गुरुग्रन्थ साहब जब गुरुद्वारा में होते हैं तभी वो गुरुद्वारा बनता है.
ठाकुर गोकुलनाथ जी. वल्लभाचार्य ने 7 मूर्तियां अपने सातों पोतों को दी। गोकुल में है। उस पर ही विवाद हुआ। तब भी कोर्ट ने मूर्ति को ज्यूरिस्टिक पर्सन नहीं माना था.
जस्टिस बोबड़े ने टोका- बिना मूर्ति के भी तो कोई देवता हो सकता है जैसे आकाश तत्व- चिदंबरम नटराज.
धवन- लेकिन ऐसी जगह पर कुछ न कुछ निर्माण, ढांचा या आकार ज़रूर होना चाहिए जिससे ये विश्वास हो कि ये ज्यूरिस्टिक पर्सन है.
चिदम्बरम इसका अपवाद हो सकता है.
जस्टिस बोबड़े- चिदंबरम तो स्पेसिफिक केस था.
धवन- गूगल के मुताबिक ये मन्दिर चोल काल मे 10 वीं शताब्दी में बनाया गया था.
पी एस नरसिम्हा ने बताया कि चिदम्बरम में शिव के पांच मन्दिर बनाए गए. पांच तत्व के प्रतीक. पृथ्वी, जल, आकाश, अग्नि और वायु। चिदंबरम आकाश के प्रतीक हैं.
आज अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में सुनवाई 5 बजे तक चली। कोर्ट ने आज अपने आदेश में कहा कि इस हफ़्ते मामले की सुनवाई मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को शाम 5 बजे तक सुनवाई चलेगी.
इसका मतलब है कि सुप्रीम कोर्ट सुबह 10.30 से शाम 5 बजे तक सुनवाई करेगा.
पहले ही कोर्ट ने साफ कर दिया था कि मामले की सुनवाई पूरी करने के लिए एक घंटे ज्यादा बैठना पड़े तो कोर्ट बैठेगी.