Ayodhya Land Dispute Case SC Hearing Day 21 Written Updates: अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट रोजाना सुनवाई कर रही है. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के समक्ष आज 21वें दिन की सुनवाई शुरू हुई. मुस्लिम पक्ष की तरफ से पीठ के सामने पेश वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा कि संविधान पीठ को दो मुख्य बिन्दुओं पर ही विचार करना है. पहला विवादित स्थल पर मालिकाना हक किसका है और दूसरा क्या गलत परम्परा को जारी रखा जा सकता है. राजीव धवन ने कहा कि 1962 में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया और कहा कि जो गलती हुई उसे जारी नहीं रखा जा सकता, यही कानून के तहत होना चाहिए. बता दें कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है.
नई दिल्ली. Ayodhya Land Dispute Case SC Hearing Day 21 Written Updates: अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट रोजाना सुनवाई कर रही है. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के समक्ष आज 21वें दिन की सुनवाई शुरू हुई. मुस्लिम पक्ष की तरफ से पीठ के सामने पेश वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा कि संविधान पीठ को दो मुख्य बिन्दुओं पर ही विचार करना है. पहला विवादित स्थल पर मालिकाना हक किसका है और दूसरा क्या गलत परम्परा को जारी रखा जा सकता है. राजीव धवन ने कहा कि 1962 में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया और कहा कि जो गलती हुई उसे जारी नहीं रखा जा सकता, यही कानून के तहत होना चाहिए. बता दें कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है. इस संवैधानिक पीठ में जीफ जस्टिस रंजन गोगोई के अलावा जस्टिस एस.ए.बोबडे, जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. ए . नजीर भी शामिल है. यह पूरा विवाद 2.77 एकड़ की जमीन के मालिकाना हक को लेकर है.
अदालत में ये साबित किए जाने कि कोशिश कि जाती रही है कि जमीन पहले हिन्दू पक्षकारों के अधिकार में थी. यह मानकर अदालत को विश्वास दिलाया जाता रहा है जो उचित नहीं है.
राजीव धवन ने हिंदू पक्ष के दावे पर सवाल उठाते हुए कहा कि ‘क्या रामलला विराजमान कह सकते हैं कि उस जमीन पर मालिकाना हक़ उनका है ? नहीं, उनका मालिकाना हक़ कभी नहीं रहा है.
राजीव धवन ने कहा निर्मोही अखाड़ा ने जो गैरकानूनी कब्जा चबूतरे पर किया उस पर मजिस्ट्रेट ने नोटिस जारी कर दिया जिसके बाद से इसकी न्यायिक समीक्षा शुरू हुई और एक नोटिस जो कि निर्मोही अखाड़े के गलत दावे पर आधारित था. उसके चलते आज 2019 में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है.
राजीव धवन ने निर्मोही अखाड़े के मुकदमे का विरोध करते हुए कहा कि सेवादार के अलावा अन्य संबधित चीजो पर उनका दावा नही हो सकता है क्योंकि वो उनके मालिक नही है. वो सिर्फ सेवादार है। ट्रस्टियों और सेवादार में अन्तर है .
अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में आज संविधान पीठ में महज 1 घंटा 30 मिनट हो सुनवाई हो पाई क्योंकि संविधान पीठ मामले की सुनवाई के दोपहर 2 बजे बैठी थी जबकि इससे पहले रोजाना सुबह 10.30 से संविधान पीठ मामले की सुनवाई शुरू करती है.
गुरुवार को भी मुस्लिम पक्ष की तरफ से बहस जारी रहेगी.