Ayodhya Land Dispute Case SC Hearing Day 18 Written Updates: अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट हर रोजना सुनवाई कर रही है. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के समक्ष आज 18वें दिन की सुनवाई शुरू हुई. मुस्लिम पक्ष की तरफ से संविधान पीठ के सामने पेश वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा कि बाबरी मस्जिद में भगवान की मूर्ति स्थापित करना "छल से किया हुआ हमला है". राजीव धवन ने कहा कि हिन्दू महासभा ने कहा कि वो सरकार के पास इस मसले को लेकर जाएगी, इसका मतलब है कि कोर्ट का ये अधिकार क्षेत्र नही है, इस तरह के शो पर रोक लगनी चाहिये " नो मोर रथयात्रा". राजीव धवन ने कहा कि हिन्दू पक्ष की दलील है कि मुस्लिम पक्ष के पास विवादित जमीन के कब्ज़े के अधिकार नही है, न हो मुस्लिम पक्ष वहाँ नवाज़ अदा करते है. उसके पीछे वजह ये है कि 1934 में निर्मोही अखाड़ा ने गलत तरीके से अवैध कब्जा किया. हमें नवाज़ पढ़ने नही दिया गया। बता दें कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है.
नई दिल्ली. Ayodhya Land Dispute Case SC Hearing Day 18 Written Updates: अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट हर रोजना सुनवाई कर रही है. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के समक्ष आज 18वें दिन की सुनवाई शुरू हुई. मुस्लिम पक्ष की तरफ से संविधान पीठ के सामने पेश वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा कि बाबरी मस्जिद में भगवान की मूर्ति स्थापित करना “छल से किया हुआ हमला है”. राजीव धवन ने कहा कि हिन्दू महासभा ने कहा कि वो सरकार के पास इस मसले को लेकर जाएगी, इसका मतलब है कि कोर्ट का ये अधिकार क्षेत्र नही है, इस तरह के शो पर रोक लगनी चाहिये ” नो मोर रथयात्रा”. राजीव धवन ने कहा कि हिन्दू पक्ष की दलील है कि मुस्लिम पक्ष के पास विवादित जमीन के कब्ज़े के अधिकार नही है, न हो मुस्लिम पक्ष वहाँ नवाज़ अदा करते है। उसके पीछे वजह ये है कि 1934 में निर्मोही अखाड़ा ने गलत तरीके से अवैध कब्जा किया। हमें नवाज़ पढ़ने नही दिया गया। बता दें कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है. इस संवैधानिक पीठ में जीफ जस्टिस रंजन गोगोई के अलावा जस्टिस एस.ए.बोबडे, जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. ए . नजीर भी शामिल है. यह पूरा विवाद 2.77 एकड़ की जमीन के मालिकाना हक को लेकर है.
राजीव धवन ने कहा मस्जिद में मूर्ति का होना कोई चमत्कार नही बल्कि सोचा समझा “हमला था”
धवन ने पुरानी तस्वीरे कोर्ट में पेश कर दावा किया कि विवादित इमारत में मध्य वाले मेहराब के ऊपर अरबी लिपि में बाबर और अल्लाह उत्कीर्ण था. इसके अलावा कलमा भी लिखा था.
उत्तरी मेहराब में भी कैलीग्राफी यानी कलात्मक लिखाई में तीन बार अल्लाह लिखा था. पास में ही फिर राम राम भी लिख दिया गया.
जस्टिस भूषण और जस्टिस बोबड़े ने पूछा कि क्या किसी खंभे की तस्वीर भी आप पेश करेंगे?
धवन ने इस पर कोई साफ साफ जवाब नहीं दिया.
जगमोहन दास लाल साहू की खींची गई तस्वीरें हैं. कोई ये भी नहीं कह सकता कि मुस्लिम फोटोग्राफर ने ली है।
दशकों तक वहां ताला पड़ा रहा. हर शुक्रवार को ताला खुलता रहा और हम नमाज़ पढ़ते रहे फिर भी ये कह रहे हैं कि वो मस्जिद नहीं थी.
हम कह सकते हैं कि दोनों ही पक्ष वहां उपासना करते रहे. लेकिन ये कैसे कह सकते हैं कि वहां मस्जिद नहीं थी.
धवन ने एक तस्वीरनुमा नक्शा दिखाकर कहा कि 1480 गज का भूरे रंग का हिस्सा देवता और निर्मोही अखाड़े को दिया है.
740 वर्गगज का हिस्सा मुस्लिम पक्षकारों को दिया गया.
मुस्लिम पक्षकारों की ओर से राजीव धवन- 22-23 दिसम्बर 1949 की रात से पहले तो रामलला राम चबूतरे पर ही थे.
चबूतरा जन्मस्थान के बाहरी अहाते में स्थित था.
ये जगह का बदलाव भी स्वयंभू की दलील के भी उलट है.
बाहरी अहाते में रामचबूतरा, सीता रसोई और भंडार थे. जिन पर निर्मोही अखाड़े का कब्ज़ा था। अंदर रामलला के गर्भगृह पर हिन्दू मुस्लिम दोनों का.
लेकिन 22-23 दिसम्बर की रात निर्मोही अखाड़े के साधुओं ने जबरन घुसकर मस्जिद की इमारत में रामलला की मूर्ति रख दी.
इसकी FIR भी है. घटना के बाद अखाड़े वालों ने वहां गैर हिंदुओ के वहां प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई.
रामलला को नाबालिग बताते हुए उनके अंतरंग सखा अचानक कब्जे की आस में अदालत पहुंच गए.
अब कानून की निगाह में स्थापित विधि के मुताबिक रामलला की मूर्ति को कानूनी व्यक्ति की मान्यता तो हो सकती है पर वो मुकदमा नहीं कर सकते. निर्मोही अखाड़ा की भी इस दलील से हम पूरी तरह सहमत हैं.
मुस्लिम पक्ष की तरफ से राजीव धवन बुधवार को भी बहस जारी रखेंगे.