Ayodhya Land Dispute Case SC Hearing Day 13 Written Updates: अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट हर रोज सुनवाई कर रही. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के समक्ष आज 13वें दिन की सुनवाई शुरू हुई. निर्मोही अखाड़ा की तरफ से वरिष्ठ वकील सुशील कुमार जैन और रामजन्मभूमि पुनरुद्वार समिति की तरफ से वरिष्ठ वकील पी एन मिश्रा ने पीठ के सामने अपनी दलील रखी. निर्माही अखाड़ा की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील सुशील कुमार जैन ने संविधान पीठ को कहा कि हम रामलला विराजमान की याचिका का विरोध नही करते बशर्ते वो हमारे दावे के भी विरोध न करे. दरसअल कल संविधान पीठ ने निर्मोही अखाड़ा से पूछा था कि आप अपना पक्ष स्पष्ट कीजिए कि आप रामलला विराजमान की याचिका का विरोध करते है या आप उनकी याचिका का समर्थन. बता दें कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है.
नई दिल्ली. Ayodhya Land Dispute Case SC Hearing Day 13 Written Updates: अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट हर रोज सुनवाई कर रही. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के समक्ष आज 13वें दिन की सुनवाई शुरू हुई. निर्मोही अखाड़ा की तरफ से वरिष्ठ वकील सुशील कुमार जैन और रामजन्मभूमि पुनरुद्वार समिति की तरफ से वरिष्ठ वकील पी एन मिश्रा ने पीठ के सामने अपनी दलील रखी. निर्माही अखाड़ा की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील सुशील कुमार जैन ने संविधान पीठ को कहा कि हम रामलला विराजमान की याचिका का विरोध नही करते बशर्ते वो हमारे दावे के भी विरोध न करे. दरसअल कल संविधान पीठ ने निर्मोही अखाड़ा से पूछा था कि आप अपना पक्ष स्पष्ट कीजिए कि आप रामलला विराजमान की याचिका का विरोध करते है या आप उनकी याचिका का समर्थन. बता दें कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है. इस संवैधानिक पीठ में जीफ जस्टिस रंजन गोगोई के अलावा जस्टिस एस.ए.बोबडे, जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. ए . नजीर भी शामिल है. यह पूरा विवाद 2.77 एकड़ की जमीन के मालिकाना हक को लेकर है.
निर्मोही अखाड़ा ने याचिका भगवान की तरफ से मन्दिर के रखरखाव (मैनेजमेंट) के लिए दाखिल की है.
सुशील जैन ने कहा कि विवादित स्थल के अंदरूनी आंगन में एक मंदिर था वही जन्मभूमि का मंदिर है, वहां कभी कोई मस्जिद नही थी, मुसलमानों को मंदिर में जाने की इजाज़त नही थी, वह पर हिन्दू अपनी अपनी आस्था अनुसार पूजा करते थे.
सुशील कुमार जैन ने कहा कि रेवन्यू रिकॉर्ड से साफ है कि ज़मीन पर निर्मोही अखाड़े के अधिकार है. इसके साथ ही निर्मोही अखाड़ा के वकील सुशील कुमार जैन ने अपनी जिरह पूरी की.
रामजन्मभूमि पुनरुद्धार समिति की तरफ से वकील पी एन मिश्रा ने बहस शुरू की.
वकील पी एन मिश्रा ने कहा राम जन्मभूमि को शिफ्ट नही किया जा सकता, जैसे मक्का और मदीना.
जन्मभूमि से 85 स्तंभ मिले हैं, जिसमें से 84 स्तंभ विक्रमादित्य ने स्थापित किया था और एक गरुड़ स्तम्भ था.
पी एन मिश्रा ने कहा हमारी आस्था और विश्वास है कि जन्मभूमि पर ही मस्जिद बनी है हम लम्बे अरसे से पूजा करते आ रहे है सभी गजेटियर में उस जमीन को जन्मस्थान बताया गया है.
पी एन मिश्रा ने कहा कि 1888 में एलेक्ज़ेंडर ने बुक लिखी उसमें बाबरी मस्जिद के बारे में डिस्क्रिप्शन था बाबरी, उसको मीर खान ने 1523 AD में बनवाया था यह बाबर से बहुत पहले की बात है जबकि बाबर 1526 में आया था.
हेनरी बेवरेज ने कहा कि 1528 में बाबर के कहने पर मीर बाकी ने बनवाया था, बाद में कहा गया 1560 में अब्दुल बाकी इस्फ़हानी ने मस्जिद बनवाई.
1965 में ASI की रिपोर्ट में कहा गया कि हेनरी बेवरेज और सभी का विबरण ग़लत था 1934 में अब्दुल हसन गया और उसने डिस्क्रिप्शन में कुछ शब्द जोड़ दिया था.
बाबरनामा में मीरबाकी नाम का कोई व्यक्ति नही है, मीर शब्द रॉयल लोगों के लिए इस्तेमाल किया जाता था, बाबरनामा में बाकी बेग, बाकी तरखान, बाकी फहानी, बाकी ताशकन्दी जैसे लोगों का ज़िक्र है लेकिन मीरबाकी का ज़िक्र नही है.
रामजन्मभूमि पुनरुद्धार समिति की तरफ से बहस कल भी जारी रहेगी.