Ayodhya Fake News, Ayodhya Ki Farzi Khabron per Police ne diya byaan: सोशल मीडिया पर अयोध्या में प्रतिबंध को लेकर चल रही खबरों का अयोध्या पुलिस ने खंडन किया है. साथ ही अयोध्या पुलिस ने ये भी साफ कर दिया है कि धार्मिक सौहार्द्र बिगाड़ने वालो के खिलाफ कठोर करवाई होगी. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने 40 दिनों तक दिन-प्रतिदिन के आधार पर अयोध्या मामले की सुनवाई की और 16 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रखा. शीर्ष अदालत को 17 नवंबर से पहले उत्तर प्रदेश में अयोध्या जिले में 2.77 एकड़ भूमि के स्वामित्व के विवाद पर अपना फैसला देने की उम्मीद है.
अयोध्या. सोशल मीडिया पर अयोध्या में प्रतिबंध को लेकर चल रही खबरों का अयोध्या पुलिस ने खंडन किया है. साथ ही अयोध्या पुलिस ने ये भी साफ कर दिया है कि धार्मिक सौहार्द्र बिगाड़ने वालो के खिलाफ कठोर करवाई होगी. पुलिस ने ये साफ कह दिया है कि सोशल मीडिया के जरिये यदि कोई भ्रामक पोस्ट करता है या धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करता है तो उसके खिलाफ करवाई होगी. पुलिस ने कहा कि रासुका के तहत करवाई की जाएगी. उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा है कि अगर राज्य अयोध्या पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हुई, तो वे राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर अपराधियों को पकड़ने में संकोच नहीं करेंगे.
डीजीपी ने कहा, हम पूरी तरह से तैयार हैं. किसी भी परिस्थिति में, किसी को भी कानून को अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी. हमारे खुफिया तंत्र को तैयार किया गया है. यदि आवश्यक हो, तो कानून और व्यवस्था को बाधित करने का प्रयास करने वाले तत्वों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम लागू किया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर अधिकारियों की एक टीम द्वारा कड़ी निगरानी रखी जा रही थी और कोई भी आपत्तिजनक या भड़काऊ पोस्ट कार्रवाई को आमंत्रित करेगा. वहीं अयोध्या के जिला मजिस्ट्रेट अनुज कुमार झा ने सोमवार को जनता से अपील की कि वे आवश्यक सावधानी बरतें और सोशल मीडिया पोस्ट को लाइक, शेयर या फॉरवर्ड न करें जिससे किसी भी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचे.
31 अक्टूबर को दिए गए एक आदेश में, अयोध्या जिला प्रशासन ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद शीर्षक मुकदमे में शीर्ष अदालत के फैसले के आगे निर्देश जारी किया था. अनुज कुमार झा ने कहा, हम केवल यह कहना चाहते हैं कि किसी भी गलत सोशल मीडिया पोस्ट को शेयर या फॉरवर्ड न करें, जो किसी भी समुदाय की भावनाओं को आहत कर सकता है. उन्होंने कहा, यह व्यवस्था इस दृष्टि से की जा रही है कि कई महत्वपूर्ण त्योहार चल रहे हैं और कई श्रद्धालु यहां हैं. इसलिए, उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हमने आवश्यक इंतजाम किए हैं. यह आदेश जनता को सोशल मीडिया पर भ्रामक पोस्ट करने से रोकता है जो किसी विशेष समुदाय की भावना का अपमान या चोट पहुंचा सकता है. आदेश में कुछ अन्य निर्देशों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध और सोशल मीडिया पर धार्मिक शख्सियतों के खिलाफ मानहानि के पदों पर सख्त कार्रवाई शामिल है.
Ayodhya District Magistrate, Anuj Kumar Jha prohibits social media messages & posters on Ayodhya land case, that could disturb communal harmony, in view of upcoming festivals & verdict in Ayodhya land case. Prohibition will stay in force till 28th December, 2019.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 4, 2019
सोशल मीडिया पर खबरों को लेकर पुलिस ने निर्देश जारी किए हैं
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने 40 दिनों के लिए दिन-प्रतिदिन के आधार पर अयोध्या मामले की सुनवाई की और 16 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रखा. शीर्ष अदालत को उम्मीद है कि 2.77 एकड़ जमीन के स्वामित्व पर विवाद पर अपना फैसला सुनाया जाएगा. 17 नवंबर से पहले उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के सेवानिवृत्त होने से पहले फैसला सुनाया जा सकता है.
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