Ayodhya Case Muslim Party Ejaz Maqbool Joint Statement: अयोध्या राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद पर सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील एजाज मकबूल ने एक प्रेस स्टेटमेंट जारी की है और मध्यस्थता पैनल के सामने अयोध्या मुद्दे पर निपटान की रिपोर्टों का खंडन किया है. अयोध्या रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले मुस्लिम पक्ष के एजाज मकबूल ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि मध्यस्थता के दौरान समझौता नहीं किया है. मुस्लिम पक्ष के दूसरे वकीलों ने भी एजाज मकबूल का साथ दिया है.
नई दिल्ली. अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में एक नया मोड़ आया है. संभावना है कि जल्द ही सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अपना फैसला सुना सकता है. इससे पहले ही मुस्लिम पक्ष, सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील एजाज मकबूल ने स्टेटमेंट जारी कर समझौते से इनकार किया है. मुस्लिम पक्ष में साफ कहा कि जो प्रस्ताव दिया गया है उसको स्वीकार नहीं करते हैं. दरअसल खबरें थीं कि मुस्लिम पक्ष मध्यस्थता पैनल के सामने समझौते के लिए मान गया है. बता दें कि मध्यस्थता में सीमित लोगों ने हिस्सा लिया था जिसमें निर्वाणी अखाड़ा से महंत घर्मदास, सुन्नी वक्फ बोर्ड से जफर फ़ारूक़ी और हिन्दू महासभा से चक्रपाणि सहित अन्य दो लोगों ने हिस्सा लिया था.
उन्होंने एपनी स्टेटमेंट में कहा कि जब हिन्दू पक्ष खुले तौर पर कह चुके है कि मध्यस्थता में भाग नही लेंगे तो आखिर मध्यस्थता कैसे हो सकती है. मध्यस्थता कमिटी ने जो प्रयास किया था उसमें उनका कोई आदमी शामिल नही है. बता दें कि उनके इस बयान पर मुस्लिम पक्ष के दूसरे वकीलों भी एजाज़ मक़बूल के साथ हैं. मुस्लिम पक्ष ने जॉइंट स्टेटमेंट जारी कर समझौते से इनकार किया है. एम सिद्दीकी की तरफ से एजाज मक़बूल, यूपी सुन्नी सेंट्रेल वक़्फ़ बोर्ड की तरफ से शकील अहमद, मोहम्मद हासिम की तरफ से एम आर शमशाद, फारुख अहमद की तरफ से इरशाद अहमद और फ़ुजैल अहमद हैं.
मकबूल ने अपने बयान में कहा, हमें यह स्पष्ट रूप से साफ करना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट के सामने हम अपीलकर्ता के उस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करते हैं, जिसे प्रेस को लीक कर दिया गया है, न ही वह प्रक्रिया जिसके द्वारा मध्यस्थता हुई है और न ही जिस तरीके से वापसी हुई है. दावा एक समझौते के रूप में सुझाया गया है. मुख्य याचिकाकर्ताओं में से एक मोहम्मद हाशिम के एओआर हैं एमआर शमशाद. उन्होंने कहा, जो दूसरे राउंड की मध्यस्थता हुई उसमें हम नही गए. किससे मिडिएशन हुआ हम नही कह सकते. सभी मुस्लिम पक्ष एक साथ है. मध्यस्थता संभव नहीं है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला मान्य होगा. बता दें कि बुधवार को, सूत्रों ने विवादित स्थल पर अपना दावा छोड़ने के अलावा वक्फ बोर्ड पर दावा किया था और कहा था कि उसे जमीन पर राम मंदिर बनाए जाने पर भी कोई आपत्ति नहीं थी. बोर्ड ने जाहिरा तौर पर किसी अन्य उपयुक्त स्थान पर एक मस्जिद बनाने की पेशकश की थी.
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रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले मुस्लिम पक्ष के एजाज मकबूल का बड़ा बयान, कहा- मध्यस्थता के दौरान समझौता नहीं किया. मुख्य याचिकाकर्ताओं में से एक मोहम्मद हाशिम के AOR एमआर शमशाद बोले- दूसरे राउंड की मध्यस्थता हुई, उसमें हम नहीं गए. @Ashish_sinhaa pic.twitter.com/oWk6myP16D
— InKhabar (@Inkhabar) October 18, 2019