नई दिल्लीः 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद देशभर से भक्तों की भीड़ बड़ी संख्या में रामनगरी अयोध्या पहुंच रही है। इसको देखते हुए व्यापक सामाजिक-आर्थिक विकास की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। अयोध्या में बायपास प्रोजेक्ट प्रस्तावित है। 3,570 करोड़ रुपए की योजना अयोध्या और आसपास […]
नई दिल्लीः 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद देशभर से भक्तों की भीड़ बड़ी संख्या में रामनगरी अयोध्या पहुंच रही है। इसको देखते हुए व्यापक सामाजिक-आर्थिक विकास की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। अयोध्या में बायपास प्रोजेक्ट प्रस्तावित है।
अयोध्या और आसपास के इलाकों में भीड़भाड़ कम करने के अपने प्रयास में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 3,570 करोड़ रुपए के निवेश के साथ 68 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड बाईपास के निर्माण योजना बनाने का निर्णय लिया है। केंद्र से विशेष मंजूरी मांगी है। एनएचएआई ने इस 4/6 लेन हाइवे के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं, जो लखनऊ, बस्ती और गोंडा जिलों को कवर करेगी। अयोध्या बाईपास परियोजना कई जिलों में आर्थिक, सामाजिक और लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी की सुविधा देगी।
पीएम गतिशक्ति के अधीन अयोध्या बाईपास परियोजना को गति दी जा रही है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को जानकारी दी की, उत्तर प्रदेश में 67.57 किलोमीटर लंबी अयोध्या बाईपास परियोजना की योजना और क्रियान्वयन पीएम गतिशक्ति के तहत की गई है। यह परियोजना निर्बाध माल परिवहन की सुविधा प्रदान करेगी और अयोध्या में भीड़ को कम करने का कार्य करेगी। मंत्रालय ने एक बयान में बताया, यह बाईपास लखनऊ, बस्ती और गोंडा जैसे प्रमुख जिलों को कवर करेगा। यह परियोजना इन तीन जिलों में पर्यटक और तीर्थ स्थलों सहित आर्थिक, सामाजिक और लॉजिस्टिक से जुड़े विभिन्न संपर्क व्यवस्था की कनेक्टिविटी में सुधार की सुविधा देगी।
बता दें अयोध्या दो आर्थिक केंद्रों (लखनऊ और गोरखपुर) के बीच स्थित है। चमड़ा, इंजीनियरिंग सामान, भवन निर्माण सामग्री, लोहा और इस्पात जैसी प्रमुख वस्तुएं शहर से होकर गुजरती हैं। इसीलिए इस बाईपास मार्ग के निर्माण से निर्बाध माल परिवहन की सुविधा मिलेगी और शहर में भीड़भाड़ कम हो जाएगी।