Ayodhya Bhoomi Pujan: भगवत प्रसाद को भगवान राम और उनके परिवार के कपड़े सिलने की जिम्मेदारी दी गई है. भगवंत प्रसाद का परिवार कई सालों से राम लला के कपड़े सिलता आ रहा है। पहले इनके पिता बाबू लाल ,फिर ये और इनके बेटे अब इस काम को कर रहे है। इस बार मौका बेहद अहम है। अयोध्या इस आयोजन को यादगार बनाने में जुटा है।
नई दिल्ली: अयोध्या में राम जन्मभूमि के भूमिपूजन कार्यक्रम के दिन भगवान श्रीराम का भी खास श्रृंगार होने वाला है। उनके नए कपड़े सिले जा रहे है। कपड़े भी बेहद खास हैं। मखमल के कपड़ो पर नौ रत्न गढ़े जा रहे है। पांच अगस्त को भगवान श्रीराम अपने भाईयों के साथ नए वस्त्र धारण करेंगे। इंडिया न्यूज वहाँ पहुँचा जहाँ राम लला के कपड़े सिले जा रहे ही।
भगवत प्रसाद को भगवान राम और उनके परिवार के कपड़े सिलने की जिम्मेदारी दी गई है. भगवंत प्रसाद का परिवार कई सालों से राम लला के कपड़े सिलता आ रहा है। पहले इनके पिता बाबू लाल ,फिर ये और इनके बेटे अब इस काम को कर रहे है। इस बार मौका बेहद अहम है। अयोध्या इस आयोजन को यादगार बनाने में जुटा है। इसी लिए राम और चारो भाईयो के शृंगार में भी कोई कसर नही छोड़ी जा रही है।
भगवत ने हमे बताया कि राम लला दिन के हिसाब से कपड़े पहनते है। सोमवार को सफेद,मंगलवार को गुलाबी, बुधवार को हरा, ब्रहापतिवार को पीला, शुक्रवार को क्रीम कलर, शनिवार को नीला,रविवार को लाल रंग का वस्त्र धारण करते है। इस लिहाज से 5 अगस्त को बुधवार है इसलिए 5 अगस्त को श्रीराम और उनके चारो भाईयो का हरे रंग का वस्त्र तैयार कराया जाता है।
सिर्फ भगवत ही नही उनके दो बेटे भी इस काम मे लगे है। तैयारी भी ज़ारो पर है। उनके बेटे संजय ने बताया कि राम जी के वस्त्र सिलते समय खुशी की अनुभूति होती है। उन्होंने ये भी दिखाया कि वस्त्र कितनी खूबसूरती से बनाया जा रहा है। उनसे सुनिए कि मखमल में ज़री, गोटा, रत्न जड़ने के बाद ये कितना खूबसूरत होगा। यही नही रत्नों को चांदी के तार से पोहा जाएगा.
राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने बताया कि भूमिपूजन भव्य होगा और भगवान का श्रृंगार भी खास होगा। उन्हें 5 अगस्त को भगवान राम को खीर पूड़ी का भोग लगाया जाएगा। गौरतलब है कि 5 अगस्त को भगवान राम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन का कार्यक्रम रखा गया है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होने जा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी ही मंदिर की आधारशिला रखेंगे.