नई दिल्ली. सरकार ने घाटे में चल रही सरकारी एयरलाइन्स कंपनी एयर इंडिया के विनिवेश का फ़ैसला किया है. लेकिन इसके लिए कोई खरीदार नहीं मिल रहा है. इस बीच केंद्रीय उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू ने कहा कि एयर इंडिया खरीदने के लिए कोई बकरा नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि इसे खरीदने के लिए मार्केट में कोई बकरा है. उन्होंने कहा कि अगर आप कहें कि आपको 70 हजार करोड़ रुपये खर्च करने होंगे तो मुझे नहीं लगता कि कोई एक व्यक्ति ऐसा कर पाएगा.
राजू गजपति इंडियन वीमन्स प्रेस कॉर्प्स में मीडिया से मुखातिब थे. उन्होंने कहा कि एयर इंडिया पर 50 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज है. लेकिन लंबे समय से एयर इंडिया ने ऑप्रेटिंग प्रॉफिट दर्ज किया है. एयर इंडिया को 3,836.77 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ, जबकि 2015-16 में यह 105 करोड़ रुपये का परिचालन लाभ हासिल करने में कामयाब रहा था. उन्होंने कहा कि इसका ऋण राइट ऑफ करना मुश्किल है क्योंकि यह कर्ज के जाल में बिंधा हुआ है. एवियंस एक प्रतिस्पर्धी कारोबार है. ऐसे में सरकार का निर्णय लेना अन्य एयरलाइन्स के लिए अनुकूल नहीं है.
बता दें कि पिछले साल लोकसभा में नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा द्वारा दिए गए लिखित जवाब में बताया गया था कि एयर इंडिया ने परिचालन में 215 करोड़ का लाभ प्राप्त किया. इसके साथ ही घाटा 3,643 करोड़ था. सरकार एयर इंडिया को बेचने का प्लान कर रही है लेकिन इसको खरीदार नहीं मिल पा रहे हैं.
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