लखनऊ, इस समय भ्र्ष्टाचार मामले में व्यापक स्तर पर बड़ी कार्रवाई की जा रही है, वहीं डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रवि शंकर सिंह को बुधवार को अचानक हटा दिया गया. राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कुलपति से उनका इस्तीफ़ा लिया है. प्रो. रवि शंकर सिंह पर अयोध्या में होने वाले दीपोत्सव […]
लखनऊ, इस समय भ्र्ष्टाचार मामले में व्यापक स्तर पर बड़ी कार्रवाई की जा रही है, वहीं डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रवि शंकर सिंह को बुधवार को अचानक हटा दिया गया. राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कुलपति से उनका इस्तीफ़ा लिया है. प्रो. रवि शंकर सिंह पर अयोध्या में होने वाले दीपोत्सव में हेराफेरी करने के साथ ही विश्वविद्यालय में नियुक्तियों में भ्रष्टाचार करने का भी आरोप है.
प्रो. रवि शंकर पर उनके ही विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने आरोप लगाया है कि उन्होंने नियमों को ताक पर रख कर अपने करीबियों की मनमाने तरीके से नियुक्ति की, जिसके तहत 100 से ज्यादा नियुक्तियां और प्रमोशन की गई. विश्वविद्यालय के शिक्षकों की शिकायत पर गोपनीय जांच करवाई गई थी और इसी जांच में उनपर लगे आरोप सही पाए गए थे, जिसके बाद राज्यपाल ने कुलपति से इस्तीफा ले लिया.
बता दें कि कुलपति रहे प्रो. रवि शंकर सिंह पर दीपोत्सव से लेकर विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार करने का आरोप है. प्रो रवि शंकर सिंह पर आरोप लगा था कि वह यहां कुलपति का पदभार संभालने के साथ ही बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से अपने एक परिचित डॉ. शैलेन्द्र सिंह को भी यहाँ साथ लाए थे. इसके बाद उन्होंने नियमों का उल्लंघन करते हुए शैलेन्द्र को अपना ओएसडी बनाया था और उन्हें विश्वविद्यालय में नियुक्ति दिलाई थी.
इससे पहले प्रो. रवि शंकर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में जियोलॉजी के प्रोफेसर रहे है, इसके बाद अवध यूनिवर्सिटी में कुलपति बने.
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