Aurobindo Ashram Ayodhya Case Land Offer: अयोध्या राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद केस में नया ट्विस्ट, अरविंदों आश्रम बोला- मध्यस्थता से विवाद का फैसला नहीं तो दान में नहीं देंगे जमीन

Aurobindo Ashram Ayodhya Case Land Offer: अयोध्या राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद केस में नया ट्विस्ट आ गया है. मामले में मध्यस्थता कमेटी को पुड्डुचेरी के श्री अरविंदो आश्रम ने पत्र लिखा है. अरविंदो आश्रम ने कहा है कि अगर अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में मध्यस्थता से विवाद का फैसला नहीं होगा तो वह विवादित स्थल से सटी अपनी तीन एकड़ जमीन को दान में नहीं देगा.

Advertisement
Aurobindo Ashram Ayodhya Case Land Offer: अयोध्या राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद केस में नया ट्विस्ट, अरविंदों आश्रम बोला- मध्यस्थता से विवाद का फैसला नहीं तो दान में नहीं देंगे जमीन

Aanchal Pandey

  • October 23, 2019 10:14 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

अयोध्या. Aurobindo Ashram Ayodhya Case Land Offer: राम जन्मभूमि मामले में नया मोड़ आ गया है. मामले में पुड्डुचेरी के श्री अरविंदों आश्रम ट्रस्ट ने मध्यस्थता पैनल को पत्र लिखकर कहा है कि अगर सभी पक्षकारों के बीच समझौते के बाद फैसला नहीं होता है तो वह अपनी तीन एकड़ जमीन नहीं देगा. आश्रम ने कहा कि पक्षकारों के बीच मध्यस्थता फेल होने या सुप्रीम कोर्ट मध्यस्थकारों के बीच हुए समझौते से इत्तफाक न रखने की स्थिति में वह अपनी जमीन देने को तैयार नहीं है.

श्री अरविंदों आश्रम ट्रस्ट ने कहा है कि उनका जमीन दान में देने का ऑफर तब के लिए है जब सभी पक्षकारों के बीच सर्वमान्य समझौता हो. आश्रम ने कहा, हमने अपनी जमीन दान में देने का ऑफर अच्छी मंशा से किया था. देश में शांति व भाईचारे के मद्देनजर हमारी ओर से यह ऑफर दिया गया था.आश्रम ने कहा कि अफवाह फैलाई जा रही है कि उनकी जमीन पर मस्जिद आदि बनाई जाएगी. हम कतई यह नहीं चाहते कि हमारी जमीन का इस्तेमाल सांप्रदायिक उद्देश्य के लिए हो.

आश्रम ने मध्यस्थता पैनल से आग्रह किया है कि उनकी पत्र सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा दी जाए. बता दें कि इससे पहले श्री अरविंदो आश्रम ट्रस्ट ने कहा था कि अगर मध्यस्थता होती है तो वो विवादित स्थल से सटी अपने 3 एकड़ ज़मीन को राष्ट्रहित में दान कर देंगे. दरसअल केंद्र सरकार ने विवादित स्थल के पास जो 67 एकड़ भूमि अधिगृहीत की है, उसमें से करीब तीन एकड़ जमीन अरबिंदो आश्रम की भी है. वहां फिलहाल आश्रम ट्रस्ट का एक ध्यान केंद्र और मन्दिरनुमा स्मारक बना है.

Also Read: अयोध्या केस में हिंदू पक्षकारों के विरोध के बाद मुस्लिम पक्ष ने हलफनामे में दाखिल किया जवाब, लिखा- सुप्रीम कोर्ट का फैसला संविधान में यकीन रखने वाले करोड़ों लोगों पर प्रभाव डालेगा 

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने 16 अक्टूबर को अयोध्या केसी की सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इसके साथ ही चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सबी पक्षकारों से तीन दिन के भीतर मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर जवाब मांगा. इसके बाद सभी पक्षकारों ने शनिवार को एक-एक करके अपना जवाब कोर्ट में दाखिल किया. अयोध्या केस का फैसला चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के 17 नवंबर को रिटायरमेंट से पहले आ जाएगा.

Ayodhya Case Molding of Relief in Supreme Court: अयोध्या राम मंदिर बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले पर सुप्रीम कोर्ट में मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर किस पक्षकार ने क्या कहा, पढ़ें पूरा अपडेट 

Who is Zufar Ahmad Farooqui Ayodhya Case: कौन हैं जफर अहमद फारूकी जिन्होंने कबूला कि भगवान श्रीराम का जन्म अयोध्या में ही हुआ 

Supreme Court Longest Hearing Cases: सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में सबसे लंबी सुनवाई: पहली केशवानंद भारती केस 68 दिन, दूसरी अयोध्या राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद केस 40 दिन, तीसरी आधार कार्ड वैधानिकता केस 38 दिन

Tags

Advertisement