नई दिल्ली। छावा फिल्म ने मुगलों की क्रूरता और उनके अत्याचार के घावों को एक बार फिर ताजा कर दिया। विक्की कौशल की इस फिल्म में शिवाजी महाराज के पुत्र संभाजी महाराज के जीवन को दिखाया गया है कि कैसे एक वीर क्षत्रिय ने यातनाएं सही, अपने प्राण त्याग दिए, लेकिन क्रूर औरंगजेब के आगे नहीं झुके। आज हम आपको उसी तानाशाह औरंगजेब की बेटी जेबुन्निसा के बारे में बताएंगे। यह चौंकाने वाली बात है कि कट्टर औरंगजेब की बेटी हिंदू राजाओं को अपना दिल दे बैठी थीं। जी हां, जेबुन्निसा अपने ही पिता के दुश्मन शिवाजी महाराज से प्यार कर बैठी थीं।
जेबुन्निसा को पढ़ने लिखने का बहुत शौक था। उसे दूसरे धर्मों में भी दिलचस्पी थी। उसकी पढ़ाई की वजह से वह अपने पिता के खिलाफ बागी हो गई थी। जेबुन्निसा ने जिससे भी दिल लगाया, औरंगजेब ने उसे मरवा दिया। सबसे पहले औरंगजेब ने बचपन में ही अपनी बेटी जेबुन्निसा की सगाई अपने भाई दारा शिकोह के बेटे सुलेमान शिकोह से कराई थी। लेकिन जब औरंगजेब ने अपने भाई से गद्दी छीनी तो उसने दारा शिकोह और उसके बेटे को मरवा दिया। इस कारण जेबुन्निसा की शादी नहीं हो पाई।
समय के साथ जेबुन्निसा का पढ़ना-लिखना, कविताएं लिखना और सुर में सुर मिलाकर गाना-बजाना बढ़ता गया। कट्टर औरंगजेब को यह सब पसंद नहीं था। इसी बीच जेबुन्निसा को एक कवि अकील खान से प्यार हो गया। जब औरंगजेब को इस बात का पता चला तो क्रूर औरंगजेब ने अकील खान को दिल्ली के सलीमगढ़ किले में हाथी से कुचलवा दिया। पहले सुलेमान शिकोह और फिर अकील खान की मौत के बाद जेबुन्निसा जितनी टूटती गई, उतनी ही औरंगजेब के प्रति बागी होती गई।
जेबुन्निसा के बारे में ऐसा भी कहा जाता है कि वह बुंदेलखंड के महाराज छत्रसाल से भी दिल लगा बैठी थी। उसने छत्रसाल को एक महफिल में देखा था। हिंदुओं से नफरत करने वाला औरंगजेब अपनी बेटी का एक हिंदू राजा से प्रेम बर्दाश्त नहीं कर सका और उसे सलीमगढ़ किले में कैद कर दिया।
यह भी दावा किया जाता है कि छत्रपति शिवाजी महाराज की कहानियां सुनकर जेबुन्निसा उनकी ओर आकर्षित हो गई थी और उसने उनसे विवाह का प्रस्ताव भी रखा था, जिसे शिवाजी महाराज ने ठुकरा दिया था। ऐसा कहा जाता है कि जब शिवाजी महाराज औरंगजेब की कैद से भाग निकले थे, तब जेबुन्निसा ने ही शिवाजी को भागने में मदद की थी। हालांकि, इतिहासकार इन सभी कहानियों को लेकर एकमत नहीं हैं। अपने जीवन के 20 साल कैद में बिताने के बाद, सलीमगढ़ किले में जेबुन्निसा की मृत्यु हो गई।
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