Petition Against Prashant Bhushan: भारत के अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल की है. यह अवमानना याचिका सीबीआई के अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव की नियुक्ति विवाद पर प्रशांत भूषण की टिप्पणी पर की गई है.
नई दिल्ली. अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना की याचिका दायर की है. बीते दिनों सीबीआई के अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव की नियुक्ति पर प्रशांत भूषण ने कई बयान दिए थे. इन बयानों में प्रशांत भूषण ने अदालत पर भी तंज कसा था. भूषण ने इन बयानों की शिकायत करते हुए अटार्नी जनरल ने अवमानना याचिका दाखिल की है.
बता दें कि प्रशांत भूषण ने एम नागेश्वर राव के सीबीआई के अंतरिम निदेशक बनाए जाने वाले फैसले पर तंज कसते हुए एक फरवरी को ट्वीट किया था. इस ट्वीट में प्रशांत भूषण ने लिखा था कि ऐसा जान पड़ता है कि सरकार ने शीर्ष अदालत को गुमराह किया और शायद प्रधानमंत्री की अगुवाई वाली उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति की बैठक का मनगढ़ंत विवरण पेश किया. भूषण के इस ट्वीट पर शिकायत करते हुए वेणुगोपाल ने अपनी याचिका में कहा कि प्रशांत भूषण ने जानबूझकर अटार्नी जनरल की सत्यता और ईमानदारी पर संदेह किया है.
बताते चले कि अटार्नी जनरल ने एक फरवरी को न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ के सामने सीललंद लिफाफे में चयन समिति बैठक का ब्यौरा दिया था. चयन समिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रधान न्यायधीश तरुण गोगोई थे. इस चयन समिति बैठक की रिपोर्ट मिलने के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने आईपीएस अधिकारी नागेश्वर राव को सीबीआई के अंतरिम निदेशक पद पर नियुक्त किया था. अवमानना याचिका के अनुसार बैठक में मुख्य न्यायधीश के शामिल होने के बाद भी प्रशांत भूषण ने जानबूझकर यह टिप्पणी की.