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Lipid test: सावधान। बन सकता है साइलेंट किलर आज ही कराएं लिपिड प्रोफाइल टेस्ट

नई दिल्ली : शरीर के अंदर कब क्या हो रहा है इसकी जानकारी हमें नही होती है. कई बार कुछ बीमारियां ऐसी होती है जिनकी खबर लगते देर हो जाती है जिसकी वजह से ना जाने किन किन चीज़ो का सामना करना पड़ सकता है कई बार तो ये बीमारियां जान का खतरा बन जाती […]

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Lipid test: सावधान। बन सकता है साइलेंट किलर आज ही कराएं लिपिड प्रोफाइल टेस्ट
  • October 17, 2023 11:29 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली : शरीर के अंदर कब क्या हो रहा है इसकी जानकारी हमें नही होती है. कई बार कुछ बीमारियां ऐसी होती है जिनकी खबर लगते देर हो जाती है जिसकी वजह से ना जाने किन किन चीज़ो का सामना करना पड़ सकता है कई बार तो ये बीमारियां जान का खतरा बन जाती है. इस लिए समय – समय पर शरीर की जांच करना जरूरी है लेकिन जानकारी ना होने की वजह से हम इनको अनदेखा कर देते है तो चलिए जानते है।कुछ ऐेसे जांच है जिसके बारे में

जाने क्या है लिपिड प्रोफाइल टेस्ट

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट खून में लिपिट यानी वसा की सही मात्रा को मापने का वैज्ञानिक तरीका है. इससे आपके शरीर में विभिन्न तरह के लिपिड की कितनी मात्रा का पता चलता है. चूंकि जब शरीर में वसा बढ़ता है तो इसके कोई संकेत नहीं दिखते. कहने का मतलब है कि यह तुरंत कोई नुकसान नहीं पहुंचाता. मगर शरीर में साइलेंट किलर की तरह फैलता रहता है और फिर एक दिन भयानक बिमारी का रूप ले लेता है जिससे हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट के रूप में सामने आता है. जानकारी के अनुसार हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट से अधिकतर लोगों की मौत हो जाती है.

हार्ट अटैक होने का रहता है खतरा

लिपिड यानी वसा हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी है. प्रोटीन, कार्बोहाइड्रैट के बाद सबसे ज्यदा हमें वसा की जरूरत होती है. वसा एक चिपचिपा पदार्थ है जो शरीर के कई काम करता है. मगर जादा होने पर शरीर में विभिन्न रूपों में जमा होने लगता है. इसलिए इसकी जांच होना जरूरी है. अगर हमारे शरीर में वसा की मात्रा बढ़ जाए तो पहले ये खून में जमा होने लगता है. इसके बाद हार्ट से निकलने वाली धमनियों को निशाना बना कर घेरने लगता है. जिससे यही धमनियों में चिपक जाता है और खून का प्रवाह भी कम हो जाता है. जिसकी वजह से हार्ट अटैक, कार्डिएक अरेस्ट भी आ सकता है जो जानलेवा भी हो सकता है. आज कल के दौर में युवाओ का भी लिपिड बढ़ जाता है जिससे जोखिम ज्यादा हो गया है क्योंकि खान पान बहुत सी मिलावट होने लगी है और हम फिजिकल एक्टिविटी पर भी कम ध्यान देने लगे है. जिसका खामियाजा शरीर में ज्यादा लिपिड से चुकाना पड़ता है.

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