ATM Shutdown: लोकसभा चुनाव 2019 से पहले एटीएम व कैश से जुड़ी खबर सामने आ रही है. जिसे देश में हाहाकार मच सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एटीएम इंडस्ट्री से जुड़ी शीर्ष संस्था 'कॉन्फिडरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री' (कैटमी) के मुताबिक देश में 50 प्रतिशत से भी ज्यादा ATM बंद हो सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो लोगों की नौकरियों भी जाएंगी.
नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव 2019 से पहले खबरें आ रही हैं कि अगले साल मार्च तक देश के कई हिस्सों में एटीएम का संकट गहरा सकता है और कैश के लिए हाहाकार मच सकता है. देश में एटीएम इंडस्ट्री से जुड़ी शीर्ष संस्था ‘कॉन्फिडरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री’ (कैटमी) के अनुसार भारत में अगले साल मार्च तक लगभग 50 प्रतिशत एटीएम बंद हो सकते हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कैटमी संस्था का मानना है कि शहरों तथा गांवों में एटीएम के परिचालन को लेकर आ रही समस्याओं के चलते एटीएम प्रदाता कंपनियां आधे से ज्यादा एटीएम का संचालन बंद कर सकती हैं.कैटमी के प्रवक्ता का कहना है कि हाल में ही सरकार द्वारा एटीएम के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के अपग्रेडेशन को लेकर नए नियम लागू किए गए हैं. इसके साथ ही नकदी प्रबंधक को लेकर बनाए नए नियम और एटीएम में कैश लोडिंग को लेकर भी नए नियम लाए गए हैं.
ऐसे में एटीएम प्रादाताओं को इनके परिचालन में अधिक खर्च करना पड़ सकता है जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है. जिसके कारण वे देशभर में आधे से ज्यादा एटीएम बंद कर सकते हैं. ऐसे में कई सरकारी वित्तीय योजनाएं प्रभावित हो सकती हैं जिनके कारण कई नौकरियां कम हो सकती हैं.
कैटमी के अनुसार भारत में फिलहाल 2 लाख 38 हजार एटीएम काम कर रहे हैं जिनमें से 1 लाख 13 हजार एटीएम अगले साल तक बंद हो सकते हैं. इनमें 1 लाख ऑफ साइट एटीएम (बैंक परिसर से दूर लगाए गए एटीएम) तथा, 15 हजार व्हाइट लेबल एटीएम (गैर बैंकिग कंपनियों द्वारा संचालित किए जाने वाले एटीएम हैं. कैटमी के प्रवक्ता के अनुसार बंद होने वाले एटीएम में अधिकत ग्रामीण क्षेत्रों में हैं.