प्रयागराज। उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड को लेकर एक नया CCTV फुटेज सामने आया है। 24 फरवरी को उमेश पाल और उसके गनर की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस दौरान उमेश के दूसरे गनर को भी गोली लगी थी, जिसके बाद में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। […]
प्रयागराज। उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड को लेकर एक नया CCTV फुटेज सामने आया है। 24 फरवरी को उमेश पाल और उसके गनर की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस दौरान उमेश के दूसरे गनर को भी गोली लगी थी, जिसके बाद में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। उमेश पाल राजूपाल हत्याकांड में मुख्य गवाह थे। उमेश के गाड़ी से उतरते ही बदमाशों ने उस पर फायरिंग करना शुरू कर दिया था। हत्याकांड को हुए दो सप्ताह का समय बीत चुका है। पुलिस इस मामले को लेकर बड़ी कार्रवाई की तैयारी में लगी हुई है। अब पुलिस के हाथ पूर्व सांसद अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन का एक सीसीटीवी वीडियो हाथ लगा है। इस वीडियो में शाइस्ता परवीन उमेश पाल के शूटर के साथ नजर आ रही हैं। कहा जा रहा है कि ये वीडियो हत्याकांड के पांच दिन पहले का है।
पुलिस के हाथ लगे सीसीटीवी वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि शाइस्ता परवीन अतीक गैंग के शूटर बल्ली उर्फ सुधांशु के घर नीवा गई थी।सुधांशु भी सीटीटीवी में शाइस्ता के साथ नजर आ रहा है।आपको बता दें, शूटर बल्ली उर्फ सुधांशु धूमनगंज थाना क्षेत्र के नीवा गांव का रहने वाला है।वो अतीक के अकाउंटेंट असाद के साथ प्रॉपर्टी का पूरा काम संभालता है। पुलिस और एसटीएफ की टीमें शूटर बल्ली और असद की तलाश कर रही है।
आपको बता दें, शाइस्ता फरार है, लेकिन बरेली जेल में बंद अतीक के भाई अशरफ के दो गुर्गे राशिद और फुरकान को शुक्रवार को बरेली एसआईटी और बिथरी चैनपुर पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। पर्ची और आईडी के बिना जेल में अतीक का भाई पूर्व विधायक अशरफ से मुलाकात किया करते थे। पूछताछ में पता चला कि जेल के गेट से लेकर अंदर तक उन्हें कोई नहीं रोकता था। इससे पहले 7 मार्च को बरेली जेल के सिपाही शिवहरि और मददगार दयाराम उर्फ नन्हे को पुलिस ने अरेस्ट किया था।
अतीक अहमद के भाई अशरफ को जेल/केंद्रीय कारागार-2 की कैंटीन में बंदी रक्षक की मदद मिलती थी। वह इसी मदद से अशरफ तक समान सप्लाई करता था। इतना ही नहीं जेल में अशरफ की उसके करीबियों से मुलाकात भी करवाई जाती थी। यह मुलाकात नकली ID या बिना ID के हुआ करती थी। बड़ी ही चालाकी से गुर्गों को अशरफ तक पहुंचाया जाता था। जेल की कैंटीन में सामान सप्लाई करने वाले अशरफ के गुर्गों और बंदी रक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया है।
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