प्रयागराज: उमेश पाल हत्याकांड में शामिल शूटर पुलिस की गिरफ्त से फरार हैं। हत्याकांड में शामिल दो अपराधी पुलिस के साथ मुठभेड़ में ढेर हो गए। वहीं, फरार हुए शूटरों को पकड़ने के लिए पुलिस का अभियान जारी है। इसी बीच यूपी STF द्वारा पकड़े गए कारोबारी से पता चला कि गैंगस्टर अतीक अहमद का […]
प्रयागराज: उमेश पाल हत्याकांड में शामिल शूटर पुलिस की गिरफ्त से फरार हैं। हत्याकांड में शामिल दो अपराधी पुलिस के साथ मुठभेड़ में ढेर हो गए। वहीं, फरार हुए शूटरों को पकड़ने के लिए पुलिस का अभियान जारी है। इसी बीच यूपी STF द्वारा पकड़े गए कारोबारी से पता चला कि गैंगस्टर अतीक अहमद का बेटा असद नेपाल में छिपा हुआ है। वहीं, शूटरों के भी वहीं छिपे होने की आशंका जताई जा रही है।
नेपाल में अपराधियों के छिपे होने का यह पहला मामला नहीं है। डकैती से लेकर हत्या और आतंकी घटनाओं से पहले भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जहाँ अपराधी वारदात को अंजाम देने के बाद नेपाल भाग गए। खासतौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार के अपराधियों के लिए “विदेश में पैदल उड़ान” जैसी सुविधा है। दिल्ली, मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों के अपराधी भी कई बार नेपाल को छिपने की जगह बना चुके हैं।
बता दें, यूपी-बिहार के अपराधियों के लिए नेपाल भागना काफी ज़्यादा आसान है। दोनों राज्यों में कई जिले नेपाल से काफी ज़्यादा सटे हुए हैं। ऐसे में पासपोर्ट की आवश्यकता नहीं है। अपराधी आसानी से सड़क पार कर विदेश भाग जाते हैं। एक बार वहाँ जाने के बाद गिरफ्तार होना बहुत मुश्किल है। दूसरे देश का मामला होने के कारण यहाँ के नियम-कायदे बेहद पेचीदा हैं। शासन स्तर से बात करें, या फिर वहाँ की पुलिस की पकड़ से अपराधी के वहाँ से भी भाग जाने की आशंका बनी रहती है।
हालाँकि कुछ ऐसे भी मामले सामने आए हैं जहां व्यवहारिक स्तर पर समन्वय बनाकर काम किया गया है, लेकिन कानूनी प्रक्रिया बहुत जटिल है। अगर कोई बड़ा अपराधी या आतंकवादी है तो बातचीत मंत्री स्तर पर भी होनी चाहिए, लेकिन छोटे अपराधियों के लिए पूरी लंबी प्रक्रिया से गुजरना अव्यावहारिक है।