प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुए अतीक-अशरफ हत्याकांड में अब एक बड़ा खुलासा हुआ है। खबर सामने आई है कि तीन आरोपियों में से एक अरुण मौर्या नाबालिग है। राशन कार्ड में आरोपी अरुण के जन्म की तिथि 1 जनवरी 2006 दर्ज है। ऐसे में अभी उसकी उम्र 17 साल 3 महीने ही है। […]
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुए अतीक-अशरफ हत्याकांड में अब एक बड़ा खुलासा हुआ है। खबर सामने आई है कि तीन आरोपियों में से एक अरुण मौर्या नाबालिग है। राशन कार्ड में आरोपी अरुण के जन्म की तिथि 1 जनवरी 2006 दर्ज है। ऐसे में अभी उसकी उम्र 17 साल 3 महीने ही है। बता दें कि इससे पहले अरुण मौर्य के चाचा ने भी दावा किया था कि वह अभी नाबालिग है और उसने किसी के बहकावे में आकर इस वारदात को अंजाम दिया है।
अतीक-अशरफ हत्याकांड में शामिल आरोपी अरुण मौर्या के उम्र को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस के अनुसार अरुण की उम्र अभी 18 वर्ष हैं, वहीं हरियाणा पुलिस के मुताबिक वो 31 साल का है। दूसरी तरफ अरुण के गांव में बने राशन कार्ड के हिसाब से उसकी उम्र अभी 17 साल ही है। बता दें कि अगर अरुण की असली उम्र 17 साल ही निकलती है तो उसे नाबालिग माना जाएगा और उसे जेल के बजाय बाल सुधार गृह में भेजा जा सकता है।
इससे पहले पुलिस पूछताछ में अतीक-अशरफ हत्याकांड के तीनों आरोपियों ने यह भी कबूला था कि वे लॉरेंस बिश्नोई के जैसा बनना चाहते थे। उन्होंने बताया कि अस्पताल में पुलिस पर गोलीबारी करने का कोई प्लान नहीं था और वो तीनों मरने नहीं आए थे। इसीलिए अतीक और उसके भाई अशरफ को मारने के बाद उन्होंने सरेंडर कर दिया। बता दें कि तीनों आरोपियों में से एक सनी सिंह के अपराध का कनेक्शन उत्तर प्रदेश के कई जिलों से मिल रहा है। हमीरपुर के रहने वाले सनी जालौन में आपराधिक इतिहास रहा है।
गौरतलब है कि, माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की बीते 15 अप्रैल को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई। लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्या नाम के तीन बदमाशों ने काल्विन अस्पताल के बाहर अतीक और अशरफ की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी। तीनों आरोपी 12 अप्रैल को लखनऊ से बस के जरिए प्रयागराज आए थे। वे काल्विन अस्पताल से डेढ़ किलोमीटर दूर रेलवे स्टेशन के सामने एक होटल में ठहरे थे। तीनों 13 अप्रैल को कोर्ट में अतीक-अशरफ को मारना चाहते थे, लेकिन उस वक्त उन्हें मौका नहीं मिला था। इसके बाद 15 अप्रैल की रात उन्होंने इस वारदात को अंजाम दिया।