पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी शुक्रवार को पंचतत्व में विलीन हो गए. उन्होंने गुरुवार को एम्स में अंतिम सांस ली थी. उनकी अंतिम यात्रा में लोगों का हुजुम उमड़ उठा. कृष्ण मेनन मार्ग से स्मृति स्थल तक करीब चार किमी की दूरी है. इस पूरे रास्ते में लोगों का हुजूम अटल बिहारी वाजपेयी के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ता रहा.
नई दिल्ली. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति पर शुक्रवार को पंचतत्व में विलीन हो गए. अटल बिहारी वाजपेयी की देह चली गई अब सिर्फ अटल देह रह गई. अटल बिहारी वाजपेयी का गुरूवार को एम्स में निधन हो गया था. वे लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे और करीब दो महीने से एम्स में भर्ती थे. निधन के बाद अटल बिहारी वाजपेयी का पार्थिव शरीर गुरुवार देर रात 11 कृष्णन मार्ग स्थित उनके आवास पर ले जाया गया.
वाजपेयी के आवास पर उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों का तांता लगा रहा. इसके बाद 17 दिसंबर को सुबह करीब 10 बजे वाजपेयी का पार्थिव शरीर बीजेपी हेडक्वार्टर लाया गया. यहां सभी कार्यकर्ताओं ने उनके अंतिम दर्शन किए. वाजपेयी का पार्थिव शरीर यहां करीब चार घंटे रखा गया. इसके बाद यहां से वाजपेयी का पार्थिव शरीर स्मृति स्थल लाया गया. उनके अंतिम दर्शन के लिए भूटान नरेश भी पहुंचे हुए थे.
अटल बिहारी वाजपेयी की अंतिम यात्रा में प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह सहित बीजेपी के दिग्गज नेता मौजूद थे. इसके अलावा अन्य पार्टियों के नेता भी अंतिम यात्रा में शरीक हुए. पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों का स्मृति स्थल पर भी तांता लगा रहा. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी उनको सलामी दी. बाद में उनकी दत्तक पुत्री ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी.
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