Triple Talaq Bill In Lok Sabha: लोकसभा में गुरुवार को तीन तलाक बिल 2018 पास हो गया. इस बिल के पक्ष में 238 सांसदों ने मतदान किया जबकि 12 सांसद इस बिल से असहमत दिखे. वहीं कांग्रेस सहित कई अन्य विपक्षी दलों ने वॉकआउट किया. यह बिल पास तो हो गया लेकिन बीजेपी के गैरहाजिर सांसद सदस्यों ने कई सवालों को खड़ा कर दिया. पार्टी व्हिप के बाद भी बीजेपी के 20 से ज्यादा सांसद वोटिंग में मौजूद नहीं रहे.
नई दिल्ली. लोकसभा में गुरुवार को तीन तलाक बिल 2018 (मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2018) पास हो गया है. पूरे दिन चली बहसबाजी के बाद हुई वोटिंग में तीन तलाक बिल 2018 के पक्ष में 238 सांसदों ने मतदान किया. जबकि 12 सांसदों ने तीन तलाक बिल के विपक्ष में वोटिंग की. लोकसभा से इस बिल का पास होना सत्तारूढ़ दल बीजेपी के लिए बड़ी कामयाबी मानी जा रही है. लेकिन गुरुवार को पल-पल बदलते लोकसभा में एक ऐसी भी घटना घटी, जिसने बीजेपी आलाकमान के माथे पर चिंता की लकीरे खींच दी.
फिलवक्त भले ही बीजेपी पार्टी हाईकमान, मंत्री और सांसद तीन तलाक बिल पास होने की खुशियां मना रहे हो, लेकिन इस बिल पर हुई वोटिंग में मात्र 238 सांसदों का मत आना भाजपा के लिए चिंताजनक है. तीन तलाक पर गुरुवार को होने वाली वोटिंग के लिए भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को व्हिप जारी कर सभी सांसदों को उपस्थित रहने का फरमान सुनाया था. लेकिन पार्टी के व्हिप के बाद भी तीन तलाक पर वोटिंग के दौरान भाजपा के करीब 20 से 40 सांसद मौजूद नहीं थे.
The Muslim Women Bill (Triple Talaq) 2018 has been passed in the Lok Sabha. pic.twitter.com/7ASFjcWRF3
— ANI (@ANI) December 27, 2018
निचले सदन में तीन तलाक बिल पर 238 सांसदों ने पक्ष में मतदान किया. यदि मान लिया जाए कि ये सभी सांसद बीजेपी के ही हो तो भी भाजपा के कुल 30 सांसद वोटिंग के दौरान मौजूद नहीं रहे. लोकसभा की साइट के अनुसार इस समय भाजपा के कुल 268 सांसद हैं. जो वोटिंग किए गए सांसदों की कुल संख्या से 30 ज्यादा है. वहीं दूसरी ओर से तीन तलाक बिल पर भाजपा की कई सहयोगी पार्टियों ने भी साथ दिया था.
शिवसेना, लोजपा, शिरोमणि अकाली दल, जदयू समेत एनडीए में बीजेपी के साथ शामिल कई क्षेत्रीय दल तीन तलाक बिल 2018 के साथ में थे. लोकसभा ने अनुसार इस समय शिवसेना के 18, लोजपा के 6, शिरोमणि अकाली दल के 4, जनता दल यूनाइटेड के 2 सांसद हैं. मोटे तौर पर इन संख्याओं को जोड़ दिया जाए तो कुल 30 होता है. इन 30 सांसदों में से यदि 10 से 15 सांसदों ने भी तीन तलाक पर वोटिंग की होगी तो भाजपा के गैरहाजिर सांसदों की संख्या 35-40 के बीच हो जाती है.
पार्टी का व्हिप जारी किए जाने के बाद तीन तलाक बिल की वोटिंग से गैरहाजिर रहे बीजेपी के 40 सांसद कौन हैं? वे वोटिंग के दौरान कहां थे ? उन्होंने अपना मत क्यों नहीं दिया ? क्या वे पार्टी से नाराज हैं ? ये वो सवाल हैं जिनका जवाब जानने की कोशिश भाजपा के साथ-साथ विपक्षी दल भी कर रहे हैं. लाजिमी है कि लोकसभा चुनाव 2019 करीब होने के कारण सभी पार्टियां सतर्क है. आम चुनाव से पहले पार्टी व्हिप के खिलाफ जाकर तीन तलाक बिल पर वोटिंग से गैर हाजिर बीजेपी सांसदों ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है.