नई दिल्ली: 15 सितंबर, 2024 को एक क्षुद्रग्रह पृथ्वी के बेहद करीब से सफलतापूर्वक गुजरा। वहीं इससे कोई भी नुकसान नहीं पंहुचा। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह क्षुद्रग्रह, जिसका नाम 2024 AB3 है लगभग 45 मीटर चौड़ा था और यह पृथ्वी से करीब 5,00,000 किलोमीटर की दूरी पर यात्रा कर रहा था, जो चंद्रमा से लगभग […]
नई दिल्ली: 15 सितंबर, 2024 को एक क्षुद्रग्रह पृथ्वी के बेहद करीब से सफलतापूर्वक गुजरा। वहीं इससे कोई भी नुकसान नहीं पंहुचा। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह क्षुद्रग्रह, जिसका नाम 2024 AB3 है लगभग 45 मीटर चौड़ा था और यह पृथ्वी से करीब 5,00,000 किलोमीटर की दूरी पर यात्रा कर रहा था, जो चंद्रमा से लगभग डेढ़ गुना अधिक दूरी है।
नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों ने इस क्षुद्रग्रह की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी थी। एस्टॉनोमर ने इस घटना के दौरान इसकी गति और दिशा को सटीक रूप से ट्रैक किया था। इस क्षुद्रग्रह का गुजरना वैज्ञानिकों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण था, क्योंकि वे इसके अध्ययन के ज़रिए सौर मंडल के निर्माण और विकास के बारे में नई जानकारियां प्राप्त कर सकते थे। वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसे क्षुद्रग्रहों का अध्ययन भविष्य में संभावित खतरों के बारे में बेहतर समझ प्रदान कर सकता है।
इस घटना के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित किए गए, जिसमें खगोलशास्त्रियों ने जनता को इस क्षुद्रग्रह के बारे में जानकारी दी। लोगों ने इस क्षुद्रग्रह के गुजरने का लाइव प्रदर्शन देखने का आनंद लिया, जो कि काफी अनोखा अनुभव था। यह घटना न केवल विज्ञान के क्षेत्र में एक उपलब्धि है, बल्कि लोगों के लिए अंतरिक्ष के रहस्यों को समझने का एक अवसर है। वैज्ञानिकों ने इसे सुरक्षित घटना के रूप में रिकॉर्ड किया है और भविष्य में ऐसे क्षुद्रग्रहों पर निगरानी बनाए रखने की योजना बनाई है।
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