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Maha Shivratri Special : महादेव की पूजा में करें इन चीजों का उपयोग, विष नहीं अमृत समान

Maha Shivratri Special

नई दिल्ली : Maha Shivratri Special महादेव की पूजा में इन चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए जैसे धतूरा, बेलपत्र आदि औषधीय गुणों से भरी होती हैं. आयुर्वेद में इन चीजों का उपयोग कई बीमारियों को ठीक करने के लिए करते है. महाशिवरात्रि के शुभ दिन पर जानिए इनके फायदे के बारे में.

विष नहीं अमृत समान

देवों के देव महादेव की पूजा में जिन चीजों का इस्तेमाल करते है। जो किसी और देवी देवता की पूजा में उपयोग नहीं करते है। जैसे भांग, धतूरा, आक के फूल, बेल पत्र आदि. ज्यादातर इन तमाम चीजों को लोग जहरीला मानते हैं और रोजमर्रा के जीवन में लोग इनका कोई उपयोग नहीं करते है. लेकिन भोले शंकर के लिए ये चीजें विष के समान नहीं है. भोलेनाथ इस संसार में अमृत हो या विष दोनों का उपयोग करते है.प्रकृति में जो भी चीजें है उन सभी के कोई न कोई मायने है कोई चीज व्यर्थ नहीं है. महादेव की पूजा (Mahadev Puja) में चढ़ने वाली ज्यादातर चीजें औषधीय गुणों से भरपूर होती हैं.

धतूरा

धतूरा कांटेदार फल होता है. लेकिन लोग इसे जहर के समान फल मानते है, इस वजह से धतूरे का इस्तेमाल घर करते है. वैसे धतूरा बहुत काम की चीज है. आयुर्वेद में इसका उपयोग कई बिमारियों को ठीक करने में औषधि के रूप में करते है. ये पुराने बुखार, जोड़ों के दर्द की समस्या में बहुत लाभदायक होता है, साथ ही विष का प्रभाव समाप्त करने में आता है. बताया जाता है कि समुद्रमंथन के समय महादेव ने जो विष पिया था, उस विष के प्रभाव को दूर करने के लिए धतूरे का इस्तेमाल किया था, इस वजह से महादेव को धतूरा बहुत पसंद है.

भांग

भोलेनाथ को भांग भी ज्यादा प्रिय है. महाशिवरात्रि के शुभ दिन पर खासतौर से भांग की ठंडाई बनते है. लेकिन भांग को नशा में माना जाता है. लोगों का मानना है कि शिव जी भांग के नशे में मस्तमगन रहते हैं, लेकिन महादेव योगी हैं और सभी चीजों को एक समान मानते हैं. भांग घास और झाड़ी जैसा पौधा है. भांग अनिद्रा, तनाव, सिरदर्द, स्किन से जुड़ी तमाम समस्याओं को दूर करने में उपयोगी होती है, लेकिन किसी भी समस्या में इसका इस्तेमाल विशेषज्ञ की सलाह से एक सीमित मात्रा में ही करना चाहिए.

बेल पत्र

बेल पत्र जहर तो नहीं मानते, लेकिन बेल पत्र का उपयोग महादेव की पूजा को छोड़कर किसी और अन्य देवता की पूजा में नहीं होती. बताया जाता है कि बेल पत्र खाकर ही महादेव के शरीर में हलाहल की जलन शांत हुई थी. वैसे तो बेल पत्र में कई औषधीय गुण होते हैं. बेल पत्र की तासीर बहुत ठंडी होती है और इसका इस्तेमाल डायबिटीज, हाइपरटेंशन, कोलेस्ट्रॉल और दिल से संबंधित बीमारियों से लेकर पाचन तंत्र मजबूत करने के लिए करते है.

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Girish Chandra

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