जय प्रकाश लिमिटेड (जेपी ) के निदेशक आज सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए. निवेशकों की रकम दूसरे प्रोजेक्ट्स में लगाने और फ्लैट का समय पर आवंटन न करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 275 करोड़ रुपये जमा करने का आदेश सुनाया. ऐसा न करने पर कोर्ट की अवमानना के तहत कार्रवाई होगी.
आशीष सिन्हा, नई दिल्लीः निवेशकों की रकम को दूसरे प्रोजेक्ट्स में लगाने और फ्लैट का समय पर आवंटन न करने के मामले में फंसे जय प्रकाश एसोसिएट लिमिटेड (जेपी) के डायरेक्टर और प्रमोटर सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए. सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें 14 दिसंबर तक 150 करोड़ व 31दिसंबर तक 125 करोड़ रुपये देने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट में अगली सुवाई 10 जनवरी को होगी उस दिन भी प्रमोटर और डायरेक्टर को कोर्ट में शामिल होना होगा. मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जेपी के डायरेक्टर, प्रमोटर उनके परिवार का कोई भी सदस्य सम्पति को नहीं बेचेगा. अगर वो सम्पत्ति बेचते हैं तो कोर्ट की अवमानना के तहत करवाई होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 2 हजार करोड़ जमा करने का हमारा आदेश है लेकिन ये रुपये स्टॉलमेंट में देना होगा. कोर्ट ने वकील पवन सी अग्रवाल को एक वेब पोर्टल बनाने को कहा जिसमें सारी जानकारी होगी. सुप्रीम कोर्ट जेपी से कहा कि आप फ्लैट खरीदारों की वजह से बुलंदियों पर पहुँचे हैं, अब अगर आप नीचे आ रहे हैं तो आप उनके जीवन को नुकसान नही पहुँचा सकते. कोर्ट ने कहा कि अच्छे बच्चे की तरह पैसा जमा करा दो. बता दें कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने जेपी एसोसिएट्स की उस मांग को ठुकरा दिया था जिसमें 2000 करोड़ की बजाए 400 करोड़ रुपये रजिस्ट्री में जमा कराने की अनुमति मांगी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई थी कि कंपनी को 2000 करोड़ रुपये जमा कराने को कहा था। कोर्ट ने कहा था कि 13 नवंबर को सुनवाई के वक्त 1000 करोड़ या एक विचारयोग्य रकम लेकर कोर्ट आएं.
इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने जेपी की यमुनाएक्सप्रेस वे को 2500 करोड़ में दूसरी कंपनी को सौंपने की अर्जी खारिज कर दी थी. कोर्ट ने आदेश में संशोधन से इंकार किया था. हालांकि जेपी ग्रुप को सुप्रीम कोर्ट ने 5 नवंबर तक 2000 करोड़ रुपये जमा कराने का आदेश दिया था इससे पहले कोर्ट ने 27 अक्टूबर तक पैसे जमा कराने को कहा था। कोर्ट ने पैसा जमा करने के लिए समय सीमा को बढ़ा दिया था.
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