नई दिल्लीः असम में सोमवार को नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (एनआरसी) ने देश की नागरिकता के संबंध में कथित अंतिम मसौदा जारी किया था. इस मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई. इस दौरान NRC कोऑर्डिनेटर प्रतीक हजेला ने अपना पक्ष रखा और सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल बहस कर रहे थे. प्रतीक हजेला ने कोर्ट को बताया कि 7 अगस्त से उन लोगों (जिन्हें नागरिकता नहीं दी गई) को व्यक्तिगत तौर पर बताया जाएगा कि उन्हें एनआरसी की ड्राफ्ट लिस्ट में क्यों शामिल नहीं किया गया. NRC सेवा केंद्र जाकर वह लोग इस बारे में जानकारी ले सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने असम में नागरिकता मामले में एनआरसी को-ऑर्डिनेटर प्रतीक हजेला से आगे का रुख जानना चाहा. हजेला ने शीर्ष अदालत को बताया गया कि ड्राफ्ट लिस्ट 7 अगस्त से सार्वजनिक की जाएगी. उन्होंने कहा कि जो लोग जानना चाहते हैं कि उन्हें शामिल क्यों नही किया गया, उनको व्यक्तिगत तौर पर बताया जाएगा. यह काम 30 अगस्त से पहले किया जाएगा. एनआरसी एक फॉर्म देगी लोकल रजिस्टार के पास जो बताएंगे. इसपर कोर्ट ने पूछा कि यह लोकल रजिस्ट्रार कौन होंगे? NRC ने बताया कि यह रजिस्ट्रार गैजेटेड अफसर होंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जो भी अर्जी दाखिल होगी उसे उचित न्याय मिलना चाहिए. कोर्ट ने एनआरसी से कहा जो भी हो आप हमें दें. दूसरी ओर कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से भी कहा कि आपको इस मामले में जो भी लगता है आप हमें बताएं. उसके बाद हम देखेंगे. एनआरसी ने कहा कि नियम के मुताबिक, लोकल रजिस्ट्रार सभी 40 लाख लोगों को नोटिस देगा. अटॉर्नी जनरल ने सरकार का पक्ष रखते हुए कोर्ट से कहा कि नागरिकता के लिए उन सबको मौका दिया जाएगा, जिनका नाम एनआरसी के ड्राफ्ट में नहीं है.
अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट के सामने इस बात को भी रखा कि इस मामले में मीडिया को बेहद सावधानी से काम करना चाहिए. एनआरसी की ओर से कहा गया कि 30 अगस्त से 28 सितंबर के बीच लोगों की आपत्तियों और शिकायतों का निपटारा होगा. सुप्रीम कोर्ट ने एनआरसी को-ऑर्डिनेटर प्रतीक हजेला से कहा कि फाइनल NRC बनाते समय आपत्तियों को भी देखा जाए. मामले की अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 16 अगस्त को तय करेंगे कि आगे की कार्रवाई कैसे की जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट ने एनआरसी कोऑर्डिनेटर से जब पूछा कि NRC फाइनल लिस्ट जारी करने की आखिरी तारीख क्या है तो इसके जवाब में प्रतीक हजेला ने कहा कि आखिरी तारीख अभी तय नहीं की गई है. यह सुप्रीम कोर्ट को तय करनी है. NRC की ओर से कहा गया कि यह सिर्फ एक ड्राफ्ट है और इसके आधार पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकती. इसके लिए फाइनल NRC जरूरी है. अदालत ने हजेला से कहा कि जिनके नाम लिस्ट में नहीं हैं उनके दावों और आपत्तियों की जांच के लिए निष्पक्ष प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने एनआरसी कोऑर्डिनेटर और सरकार से कहा कि वह कोर्ट को वह प्रक्रिया बताएं जिसके जरिए दावों व आपत्तियों की छानबीन होगी. इस पर सरकार ने कोर्ट से कहा कि वह अगस्त के मध्य तक कोर्ट को इस बारे में बताएंगे. कोर्ट ने कहा कि हम संबंधित विभाग को अदालत में डिटेल देने की अनुमति देते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई अब 16 अगस्त को होगी.
क्या है NRC? असम में इसको लेकर आखिर इतना हंगामा क्यों मचा है?
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