एशिया की पहली महिला लोको पायलट ने रचा इतिहास, वंदे भारत एक्सप्रेस का किया संचालन

नई दिल्ली। एशिया की पहली महिला लोको पायलट सुरेखा यादव ने सोमवार को वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने के साथ अपने नाम एक और बड़ी उपलब्धि जोड़ ली है। बता दें, सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को संचालित करने वाली वह पहली महिला बन गई है। इसकी जानकारी मध्य रेलवे डिविजन ने दी है। लोको […]

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एशिया की पहली महिला लोको पायलट ने रचा इतिहास, वंदे भारत एक्सप्रेस का किया संचालन

Vikas Rana

  • March 15, 2023 9:41 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। एशिया की पहली महिला लोको पायलट सुरेखा यादव ने सोमवार को वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने के साथ अपने नाम एक और बड़ी उपलब्धि जोड़ ली है। बता दें, सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को संचालित करने वाली वह पहली महिला बन गई है। इसकी जानकारी मध्य रेलवे डिविजन ने दी है। लोको पायलट सुरेखा यादव ने वंदे भारत का संचालन मुंबई में सोलापुर स्टेशन और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल के बीच किया है।

सेंट्रल रेलवे ने सीएसएमटी- सोलापुर और सीएसएमटी-साईनगर शिरडी रूट पर दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें शुरुआत की थी, जिन्हें 10 फरवरी 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई थी। इस दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट किया कि वंदे भारत नारी शक्ति द्वारा संचालित, वंदे भारत एक्सप्रेस की पहली महिला लोको पायलट श्रीमती सुरेखा यादव ने वंदे भारत एक्सप्रेस को एक और बड़ी उपलब्धि दिलाई।

कौन हैं सुरेखा यादव

बता दें, सुरेखा यादव एशिया की पहली महिला रेल पायलट होने के बाद अब वंदे भारत एक्सप्रेस को चलाने वाली पहली महिला भी बन गई है। सुरेखा का जन्म 2 सितंबर 1965 को हुआ था। उन्होंने महाराष्ट्र के सतारा में स्थित सेंट पॉल कॉन्वेंट हाई स्कूल से अपनी शुरुआती शिक्षा हासिल की थी। जिसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए सुरेखा ने वोकेशनल ट्रेनिंग कोर्स किया और बाद में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हासिल किया।

सुरेखा के ट्रेनों के प्रति लगाव के चलते उन्होंने पायलट के लिए साल 1986 में रेलवे का फॉर्म भरा, बाद में उन्होंने लिखित परीक्षा को पास करने के अलावा इंटरव्यू को भी क्लियर कर लिया। इसके बाद सुरेखा को कल्याण ट्रेनिंग स्कूल में सहायक चालक के तौर पर नियुक्त किया गया। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद 1989 में सुरेखा यादव नियमित सहायक ड्राइवर के पद पर प्रमोट हो गई।

सुरेखा ने शुरुआत में मालगाड़ी के ड्राइवर के तौर पर करियर की शुरुआत की, धीरे- धीरे उनकी ड्राइविंग स्किल्स में सुधार होने लगा। साल 2000 में मोटर महिला के पद पर उनका प्रमोशन हुआ। उसके बाद साल 2011 में सुरेखा एक्सप्रेस मेल की पायलट बनी। इसी के साथ महिला दिवस के मौके पर सुरेखा यादव को एशिया की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर होने का खिताब हासिल हुआ।

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