नई दिल्ली : कंझावला केस में दिल्ली की एक अदालत ने केस के एक आरोपी आशुतोष की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था. जिसके बाद मंगलवाल को आशुतोष भारद्वाज को जमानत मिल गई है. आप को बता दे कि इस केस में 2 आरोपी आशुतोष और अंकुश पर सबूत छिपाने का आरोप है. […]
नई दिल्ली : कंझावला केस में दिल्ली की एक अदालत ने केस के एक आरोपी आशुतोष की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था. जिसके बाद मंगलवाल को आशुतोष भारद्वाज को जमानत मिल गई है. आप को बता दे कि इस केस में 2 आरोपी आशुतोष और अंकुश पर सबूत छिपाने का आरोप है. इस मामले में सोमवार को सुनवाई हुई थी. सुनवाई के दौरान पुलिस ने कहा था कि यह केस गंभीर है और केस में हत्या की धारा लगाने की प्रक्रिया में है. यह बात कहते हुए पुलिस ने आरोपी को जमानत दिए जाने का विरोध किया था. हालांकि केस में मंगलवार को आरोपी को जमानत मिल गई है.अतिरिक्त सत्र न्यायाधिश सुशील बाला ने सोमवार को आशुतोष की जमानत पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. जज ने टिप्पणी करते हुए कहा कि आशुतोष भारद्वाज की भूमिका अपराध होने के बाद शुरू हुई.
कांझवला केस में लड़की को कार के नीचे घसीटने के मामले में दिल्ली पुलिस ने पीसीआर वैन और पीकेट में ड्यूटी पर तैनात 11 पुलिस वालों को निलंबित किया था. गृहमंत्रालय ने घटना को काफी गंभीरता से लिया था और IPC की धार 302 लगाने के लिए भी कहा था. जिन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया था उनमें 2 सब इंस्पेक्टर,4 एसिस्टेंट सब इंस्पेक्टर, 4 हेड कॉन्स्टेबल और 1 कॉन्स्टेबल शामिल थे.
20 साल की अंजलि को सड़क पर 12 किलोमीटर तक घसीटा गया था. अंजलि की स्कूटी की टक्कर कार से हुई थी. हादसे में कार के नीचे अंजिल फंस गई थी. जिसके बाद कार चालक अंजलि को 12 किमी. तक घसीटता रहा था. अंजलि का शव क्षत-विक्षत हालत में मिली थी. अजंलि के कपड़े पूरी तरह से फट गए थे. 3 चिकित्सकों का एक पैनल का गठन किया गया था जिसने अंजलि का पोस्टमार्टम किया था.
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