नई दिल्ली: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में जल्द ही यूसीसी कानून लागू करने की बात कही है. जिसके बाद एक बहस छिड़ गई है. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के प्रवक्ता सैयद आसिम वकार ने एक टीवी कार्यक्रम में कहा है कि जो राज्य दर राज्य लागू हो रहा है फिर […]
नई दिल्ली: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में जल्द ही यूसीसी कानून लागू करने की बात कही है. जिसके बाद एक बहस छिड़ गई है. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के प्रवक्ता सैयद आसिम वकार ने एक टीवी कार्यक्रम में कहा है कि जो राज्य दर राज्य लागू हो रहा है फिर वो यूसीसी कैसे हो गया? उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, गोवा और बाकी अन्य सभी राज्यों में अलग कानून है. तो जो पूरे भारत में लागू नहीं हो रहा है वो तो क्षेत्रीय कानून हुआ न.
AIMIM प्रवक्ता ने कहा कि लोगों को गुमराह मत कीजिए. किसी भी कीमत पर उन्हें गुमराह मत कीजिए. अगर भारत सरकार सच में चाहती है तो वो यूसीसी लागू करे. उत्तराखंड राज्य से इसका क्या मतलब है.
सैयद आसिम वकार ने आगे कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने से मुसलमानों से ज्यादा खतरा ट्राइबल्स को है. हम यूसीसी को हरगिज नहीं मानेंगे, हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे. उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि क्या उत्तराखंड के कानून असम और नॉर्थ ईस्ट में लागू हो पाएंगे? भारत सरकार ने अधिकार दिया है कि नॉर्थ ईस्ट के जो प्रॉपर्टी के मामले होंगे उनमें वो दखलंदाजी नहीं करेगी.
बता दें कि इससे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार (29 जनवरी) को कहा था कि 2 फरवरी को यूसीसी का मसौदा तैयार करने वाली विशेषज्ञ समिति अपनी रिपोर्ट सौंप देगी, जिसके बाद उसे जल्द लागू करने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया जाएगा. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर उन्होंने लिखा, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘एक भारत,श्रेष्ठ भारत’ के दृष्टिकोण और 2022 विधानसभा चुनाव से पूर्व उत्तराखंड की जनता के समक्ष रखे गए संकल्प और उनकी आकांक्षाओं के अनुरूप उनकी सरकार प्रदेश में यूसीसी लागू करने के लिए सदैव प्रतिबद्ध रही है.’
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