हैदराबाद। यूपी में सीएम योगी के निर्देश पर कांवड़ियों के उपर फूल बरसाने को लेकर खूब प्रंशसा की जा रही हैं. तो वहीं दूसरी तरफ ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इसको लेकर योगी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने ने ट्विटर पर तंज कसते हुए प्रतिक्रिया दी […]
हैदराबाद। यूपी में सीएम योगी के निर्देश पर कांवड़ियों के उपर फूल बरसाने को लेकर खूब प्रंशसा की जा रही हैं. तो वहीं दूसरी तरफ ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इसको लेकर योगी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने ने ट्विटर पर तंज कसते हुए प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा ‘अगर इन पर फूल बरसा रहे हैं, तो कम से कम हमारे घर तो मत तोड़िए.
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ियों पर हो रही पुष्प वर्षा को हर कहीं चर्चा का विषय बना दिया है. इसी के साथ एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने फूल बरसाने को लेकर बड़ी प्रतिक्रिया दी है. हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन ट्वीट में यह साफ नजर आ रहा है कि वह किस बारे में बात कर रहे हैं.
कांवड़ियों के जज़्बात इतने मुतज़लज़ल हैं कि वे किसी मुसलमान पुलिस अहलकार का नाम भी बर्दाश्त नहीं कर सकते।
यह भेद-भाव क्यों? यकसानियत नहीं होनी चाहिए? एक से नफ़रत और दूसरों से मोहब्बत क्यों? एक मज़हब के लिए ट्रैफिक डाइवर्ट और दूसरे के लिए बुलडोज़र क्यों? 3/n pic.twitter.com/DPZwC02iNF
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 26, 2022
दरअसल, सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर लिखा कि”अगर उन पर फूल बरसा रहे हैं, तो कम से कम हमारे घर तो मत तोड़िए’. इसी के साथ ओवैसी ने कुछ अखबारों की फोटो शेयर करते हुए लिखा, यह ‘रेवड़ी कल्चर’ नहीं है? मुसलमान, जब भी खुली जगह पर थोड़ी देर के लिए नमाज भी अदा करें तो बवाल खड़ा हो जाता है.
कांवड़ियों के जज़्बात इतने मुतज़लज़ल हैं कि वे किसी मुसलमान पुलिस अहलकार का नाम भी बर्दाश्त नहीं कर सकते।
यह भेद-भाव क्यों? यकसानियत नहीं होनी चाहिए? एक से नफ़रत और दूसरों से मोहब्बत क्यों? एक मज़हब के लिए ट्रैफिक डाइवर्ट और दूसरे के लिए बुलडोज़र क्यों? 3/n pic.twitter.com/DPZwC02iNF
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 26, 2022
सांसद औवेसी ने आगे लिखा कि कांवड़ियों के जज्बात इतने कमजोर हैं कि वे किसी मुसलमान पुलिसकर्मी का नाम भी बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं. इतना भेद-भाव क्यों? क्या समानता नहीं होनी चाहिए? एक से नफ़रत और दूसरों से मोहब्बत क्यों? एक मजहब के लिए ट्रैफिक डाइवर्ट और दूसरे के लिए बुलडोज़र क्यों?.
यह भी पढ़े-