नई दिल्ली: लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी(Asaduddin Owaisi) ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि देश के 17 करोड़ मुसलमान गुस्से में हैं। दरअसल, सरकार अपनी नीतियों के आधार पर मुस्लिमों को नीचे धकेल रही है। इस दौरान उन्होंने कहा है कि 17 करोड़ नागरिकों के मन में अविश्वास पैदा करना घातक होता […]
नई दिल्ली: लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी(Asaduddin Owaisi) ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि देश के 17 करोड़ मुसलमान गुस्से में हैं। दरअसल, सरकार अपनी नीतियों के आधार पर मुस्लिमों को नीचे धकेल रही है। इस दौरान उन्होंने कहा है कि 17 करोड़ नागरिकों के मन में अविश्वास पैदा करना घातक होता है। जानकारी दे दें कि ओवैसी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद 22 जनवरी को हुई प्राण प्रतिष्ठा के संदर्भ में कहा था कि ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी, लोकतांत्रिक देश के पीएम नहीं, बल्कि पुजारी या सम्राट बन चुके हैं।
असदुद्दीन ओवैसी(Asaduddin Owaisi) ने कहा कि आज 17 करोड़ मुसलमानों की हालत वैसी ही है जैसी एक जमाने में हिटलर के दौर में यहूदियों की हालत थी। उन्होंने आगे कहा कि देश का लोकतंत्र एकदम खोखला हो चुका है। इस दौरान नागरिकता संशोधन कानून का जिक्र करते हुए ओवैसी ने कहा कि इस कानूनो को धर्म से जोड़ना खतरनाक है और सरकार सीमांचल की मुस्लिम आबादी को बांग्लादेशी बताती है, जो कि आपत्तिजनक है। वहीं उन्होंने शायराना अंदाज में अहमद फराज का शेर उद्धृत कर हमला करते हुए कहा है कि पीएम मोदी के कार्यकाल में मुस्लिम आबादी के मन में अविश्वास पैदा हुआ है।
– क्या आपको भी लगता है कि पीएम मोदी पुजारी या सम्राट बन चुके हैं।
– पीएम इतिहास रचना चाहते हैं- गांधी और अंबेडकर के देश को हिंदू राष्ट्र बनाने की सोच है।
– सात करोड़ मुसलमानों को आपकी सरकार क्या पैगाम दे रही ?
– सरकार क्यों खामोश है साल1991 के पूजा स्थल अधिकार कानून पर?
दरअसल, ओवैसी लोकसभा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग ले रहे थे। वहीं, उन्होंने सरकार से प्री मैट्रिक स्कॉलरशिप और अल्पसंख्यकों की शिक्षा को लेकर चलाई जा रही दूसरी योजनाओं और नीतियों के बारे में बात करते हुए कहा कि करोड़ों रुपये का शिक्षा और स्कॉलरशिप के बजट सरकार लगातार कम रही है। इससे स्पष्ट है कि पीएम मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार अल्पसंख्यकों को उच्च शिक्षा के अधिकार से वंचित करना चाहती है। इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि बीते 10 साल में एक मजहब और विचारधारा को मजबूत करने का प्रयास किया गया है।
लोकसभा में इससे पहले कई अन्य सांसदों ने भी अभिभाषण पर चर्चा में भाग लिया। बता दें कि इसमें उत्तर प्रदेश(UP) से बसपा सांसद मलूक नागर और ओडिशा के बीजद सांसद चंद्रशेखर साहू का नाम शामिल है। हालांकि इनके अलावा चर्चा में भाग लेने वाले सांसदों में महाराष्ट्र से निर्वाचित एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले,कर्नाटक के बंगलूरू दक्षिण सीट से निर्वाचित भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या, तमिलनाडु से निर्वाचित कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम, केरल से निर्वाचित इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के सांसद ईटी मोहम्मद बशीर भी शामिल रहें।
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