नई दिल्ली: आज ED-CBI मामले में विपक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया है जहां केंद्र सरकार के खिलाफ यह याचिका दायर करने वाले 14 विपक्षी दलों को बड़ा झटका लगा है. इसी बीच AIMIM चीफ लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट में विपक्ष की इस याचिका को […]
नई दिल्ली: आज ED-CBI मामले में विपक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया है जहां केंद्र सरकार के खिलाफ यह याचिका दायर करने वाले 14 विपक्षी दलों को बड़ा झटका लगा है. इसी बीच AIMIM चीफ लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट में विपक्ष की इस याचिका को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने विपक्षी दलों द्वारा केंद्रीय जांच एजेंसियों के मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट ले जाने की बात को नासमझी करार दिया है. ओवैसी ने विपक्ष के इस फैसले को गलत कदम बताया है.
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि ये एक गलत कदम था जो राजनीति करने का सही तरीका नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा जैसे प्रतिद्वंदी से सामना हो तो सुप्रीम कोर्ट जाना नासमझी ही है. इस कदम ने बीजेपी को ये कहने का मौका दे दिया है कि शीर्ष अदालत भी हमारा समर्थन नहीं करती है.
#WATCH | This was a wrong step, not a correct way of doing politics when we are facing a formidable opponent like BJP led by Narendra Modi. Going to the Supreme Court was an unwise decision. Now, this has given BJP an opportunity to say that SC is supporting us: AIMIM MP A Owaisi pic.twitter.com/44TPnuQ7Pi
— ANI (@ANI) April 5, 2023
सीजेआई जस्टिस डी वाई चंद्रचूड ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि ये एक या दो पीड़ित व्यक्तियों की दलील नहीं है बल्कि 14 राजनीतिक दलों की दलील है. क्या आंकड़ों के आधार पर हम कुछ कह सकते हैं कि जांच में किस तरह की छूट होनी चाहिए? ये आंकड़ें अपनी जगह सही हैं लेकिन क्या राजनेताओं के पास जांच से बचने का भी कोई विशेष अधिकार होना चाहिए? आखिरकार वह भी देश के ही नागरिक हैं.
जानकारी के लिए बता दें, 14 विपक्षी दलों ने 24 मार्च को सर्वोच्च न्यायलय में ED और CBI की कार्रवाई के खिलाफ याचिका दायर की थी. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, जनता दल यूनाइटेड, भारत राष्ट्र समिति, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी, शिवसेना (उद्धव) नेशनल कॉन्फ्रेंस, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी सीपीआई, सीपीएम, डीएमके इस याचिका को पेश करने वाली पार्टियों में शामिल हैं. सभी दलों का तर्क है कि देश में लोकतंत्र खतरे में हैं और केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का दुरूपयोग कर रही है. गैर-बीजेपी सियासी दलों पर गलत तरीके से कार्रवाई की जा रही है. इसमें पीएम मोदी पर विपक्ष के नेताओं ने CBI और ED का गलत इस्तेमाल होने का आरोप लगाया था.