Asaduddin Owaisi Ayodhya Verdict Speech Video, Ayodhya Mamle Par Owaisi Ka Video: आयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि मेरा घर तोड़े, और जिसने तोड़ा, उसे दे दिया. इससे पहले कल फैसला आने के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि वह फैसले से असंतुष्ट हैं. उन्होंने ने कहा था कि मुसलमानों को खैरात में 5 एकड़ जमीन भी नहीं चाहिए.
नई दिल्ली. Asaduddin Owaisi Ayodhya Verdict Speech Video: अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. फैसले पर एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को नहीं मानते हैं. ओवैसी ने हैदराबाद में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा,’मेरा घर तोड़े, और जिसने तोड़ा, उसे दे दिया’. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 2.77 एकड़ जमीन को रामलला विराजमान को देने और मुस्लिम पक्ष को मस्जिद के लिए अलग से 5 एकड़ जमीन देने का फैसला सुनाया है.
शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में फैसले में राम जन्मभूमि विवाद पर रामलला का दावा बरकरार रखते हुए विवादित 2.77 एकड़ जमीन रामलला विराजमान के पक्ष को देने का फैसला सुनाया था. वहीं मुस्लिम पक्ष को नमाज अदा करने के लिए अलग से पांच एकड़ जमीन देने का फैसला किया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ना मानते हुए एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ा बयान दिया है.
औवेसी ने कहा कि मान लीजिए कि ये आपका घर है और मैंने आपका घर तोड़ दिया और तोड़ने के बाद हम जज के पास जाते हैं. लेकिन जज फैसला सुनाते हैं कि तोड़ने वाला ही घर बना कर रहेगा, और तुम्हारे लिए बाहर कहीं जमीन देंगे. ओवैसी ने कहा कि मेरा घर तोड़े तो जमीन मुझे मिलनी चाहिए या तोड़ने वाले को ? व्हाट आ वंडरफुल थिंग टू डू ?
इससे पहले शनिवार को भी असदुद्दीन ओवैसी ने अयोध्या मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी. ओवैसी ने कहा था कि वह फैसले से संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुप्रीम जरूर हो सकता है लेकिन आखिरी नहीं है. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि मुसलमानों को खैरात में 5 एकड़ जमीन भी नहीं चाहिए. ओवैसी ने कहा कि हम अपने कानूनी हक के लिए लड़ रहे थे और कोई हमें पांच एकड़ जमीन देकर बांट नहीं सकता है.
Asaduddin Owaisi: Not satisfied with the verdict. Supreme Court is indeed supreme but not infallible. We have full faith in the constitution, we were fighting for our right, we don't need 5 acre land as donation. We should reject this 5 acre land offer, don't patronize us. pic.twitter.com/wKXYx6Mo5Q
— ANI (@ANI) November 9, 2019
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मामले में शनिवार को एतिहासिक फैसले सुनाते हुए 2.77 एकड़ जमीन पर रामलला विराजमान का मालिकाना हक बरकरार रखा था. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई समेत पांच जजों की सर्वसम्मति से यह फैसला सुनाया गया. इसके साथ ही कोर्ट ने फैसला सुनाया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही मस्जिद बनाने के लिए अलग से पांच एकड़ जमीन दी जाएगी. इसके अलावा कोर्ट ने केंद्र सरकार को राम मंदिर निर्माण के लिए तीन महीन के अंदर एक ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया है.
Jalsa Rahamtul-lil-Alameen was organised at Darussalam, Hyderabad, yesterday.
Sharing some pictures from the event. pic.twitter.com/Z5ns5nMIG7— AIMIM (@aimim_national) November 10, 2019