ऋषि सुनक: नई दिल्ली। भारतीय मूल के ब्रिटेन नागरिक ऋषि सुनक का प्रधानमंत्री बन जाना चर्चा का विषय बना हुआ है। जहां देश भर में खुशी की लहर दौड़ रही है, वहीं जम्मू और कश्मीर से किसी प्रकार की प्रतिक्रिया न हो तो विषय अधूरा ही माना जाता। अंत में हुआ भी यही जम्मू कश्मीर […]
नई दिल्ली। भारतीय मूल के ब्रिटेन नागरिक ऋषि सुनक का प्रधानमंत्री बन जाना चर्चा का विषय बना हुआ है। जहां देश भर में खुशी की लहर दौड़ रही है, वहीं जम्मू और कश्मीर से किसी प्रकार की प्रतिक्रिया न हो तो विषय अधूरा ही माना जाता। अंत में हुआ भी यही जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने पर खुशी का इज़हार किया।
इसके साथ ही उन्होने भारतीय राजनीति पर तंज भी कसा, महबूबा मुफ्ती के इस तंज पर देश भर से प्रतिक्रियाएं आना आरम्भ हो गईं। इन सभी प्रतिक्रियाओं में करारा जवाब निहित था। महबूबा मुफ्ती के इस तंज पर आम आदमी पाट्री के पूर्व नेता एव दिग्गज हिंदी कवि कुमार विश्वास ने ट्विट के माध्यम से महबूबा मुफ्ती को करारा जवाब देते हुए अपने पक्ष को रखा एवं उनके तंज को खारिज कर दिया।
सही बात है बुआ👍
भारत ने तो डॉ ज़ाकिर हुसैन, श्री फखरुद्दीन अली अहमद, डा मनमोहन सिंह, डॉ कलाम साहब जैसे ढेर सारे अल्पसंख्यक भारतीयों के नेतृत्व में खूब प्रगति की है अब आपको भी जम्मू कश्मीर में जबरन अल्पसंख्यक बनाए गए धर्म का मुख्यमंत्री बनाने के प्रयास प्रारम्भ करने चाहिये😍😁🇮🇳 https://t.co/eaDQnxVndb— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) October 25, 2022
बीते दिन जहां एक ओर ऋषि सुनक के प्रधानमंंत्री बनने पर देश भर में बधाईयों का तांता लगा था, तो वहीं महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट के माध्यम से कहा कि ब्रिटेन के लोकतंत्र से भारत को सीखना चाहिए कि ब्रिटेन ने एक अल्पसंख्यक को कबूल किया, यहां तक कि उसे प्रधानमंत्री के पत्र से सुसज्जित किया। वहीं भारत आज ही सीएए और एनआरसी जैसे विभाजनकारी कानूनों से बंधा है।
महबूबा मुफ्ती के इस तंज पर आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता एवं हिंदी कवि कुमार विश्वास ने ट्विट के माध्यम से करारा जवाब दिया है, उन्होने कहा कि भारत डॉ ज़ाकिर हुसैन, फख़रुद्दीन अली अहमद, मनमोहन सिंह, डॉ अब्दुल कलाम जैसे महान लोगों के नेतृत्व में खूब तरक्की एव प्रगति की है साथ ही उन्होने कहा कि जम्मू और कश्मीर में जबरन बनाए गए अल्पसंख्यकों को भी आप मुख्यमंत्री बनाने का प्रयास करें।
बता दें कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद जिन नेताओं को नज़रबंद किया गया था, उन नेताओं में महबूबा मुफ्ती का भी नाम था। महबूबा मुफ्ती के साथ साथ जम्मू कश्मीर की राजनीति की मुख्य धारा में सभी सक्रिय नेताओं को हाउस अरेस्ट किया गया था। इस क्रिया का अर्थ जम्मू कश्मीर में किसी भी प्रकार की हिंसा को रोकना एवं सक्रिय नेताओं की बयानबाजी के द्वारा जनता को रोकना निहित था।
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